योनि में खुजली होने के क्या कारण हो सकते हैं ? जानिए लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक इलाज

कल्याण आयुर्वेद- महिलाओं या लड़कियों को उनके प्राइवेट पार्ट में बहुत सारी समस्याएं होती रहती है. इन्हीं समस्याओं में से एक है योनि में खुजली होना. योनि के बाहरी त्वचा पर खुजलाने या खरोचने की इच्छा या प्रक्रिया को खुजली कहा जाता है. यह एक आम समस्या है जिससे लगभग कभी न कभी कभी लड़कियां गुजरती है. लेकिन इसके बारे में खुलकर बात करना किसी को पसंद नहीं होता है. जिसके कारण आगे चलकर यह खुजली दूसरी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. योनि में खुजली होने के कारण काफी बेचैनी और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ हमेशा समय पर इसका इलाज करवाने की सलाह देते हैं.

योनि में खुजली होने के क्या कारण हो सकते हैं ? जानिए लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक इलाज 

योनि में खुजली होने की क्या कारण है ?

योनि में खुजली होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई न रखना, इंफेक्शन से पीड़ित या किसी चीज से एलर्जी होना आदि मुख्य रूप से शामिल हैं. इसके अलावा मल्टीपल पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाना, चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना, योनि में साबुन या केमिकल्स वाली किसी भी चीज का इस्तेमाल अधिक करना या एंटीबायोटिक के कारण भी योनि में खुजली की शिकायत हो सकती है इसलिए इन सभी चीजों का ध्यान रखना चाहिए.

* योनि में खुजली सेक्स टॉय के इस्तेमाल से भी हो सकती है.

* योनि पर खुशबू वाले स्प्रे या परफ्यूम का इस्तेमाल भी खुजली का कारण बन सकती है.

* योनि को साबुन से रगड़ने या साफ करने से भी खुजली की समस्या हो सकती है.

* जो महिलाएं डायबिटीज यानी मधुमेह से पीड़ित होती हैं उन्हें भी योनि में खुजली होने की संभावना अधिक रहती है.

* गंदे टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल भी योनि में खुजली का कारण बन सकता है इसलिए इससे बचना चाहिए.

* योनि के आसपास क्रीम नहीं लगाना चाहिए, यह भी योनि में खुजली होने का कारण बन सकता है.

* गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करना योनि में खुजली का कारण बन सकता है.

* अगर आपका अंडरवियर पसीना नहीं सोख पाता है तो आपको योनि में खुजली की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

* प्राइवेट पार्ट में जलन होने के कारण भी योनि में खुजली का खतरा अधिक हो जाता है इसलिए ढीले तथा कॉटन के कपड़े से बने पेंटी का इस्तेमाल करें.

* यीस्ट इंफेक्शन, बैक्टीरियल इनफेक्शन या यौन संचारित बीमारी के कारण की योनि में खुजली की समस्या हो सकती है.

* मेनोपॉज से पीड़ित होने की स्थिति में भी योनि में खुजली की समस्या हो सकती है. यदि आप मेनोपॉज से पीड़ित है तो इसका स्थाई इलाज करवाएं.

* योनि या उसके आसपास की त्वचा में इन्फेक्शन के कारण योनि में खुजली हो सकती है. अगर आपको किसी वजह से योनि के आसपास इंफेक्शन हो गया है तो डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाएं.

योनि में खुजली होने के लक्षण क्या है ?

योनि में खुजली होने के क्या कारण हो सकते हैं ? जानिए लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक इलाज 
योनि में खुजली होने के बहुत सारे लक्षण है. जिसे आप आसानी से महसूस कर सकती हैं. लक्षण को अनुभव करने के बाद आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए. क्योंकि वह लक्षणों के आधार पर ही जांच कर आपके योनि में खुजली के निश्चित कारणों का पता लगाते हैं फिर उसके बाद इलाज के माध्यम से उसे ठीक करते हैं.

नीचे हम आपको कुछ खास लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप इस बात का अंदाजा लगा सकती हैं कि आपकी योनि में खुजली की समस्या है.

* योनि के आसपास त्वचा का मोटा होना.

* योनि से व्हाईट डिस्चार्ज होना.

* लेबिया सूजन की शिकायत होना.

* योनि और उसके आसपास जलन का अनुभव करना.

* योनि के आसपास कभी-कभी झुनझुनी का अनुभव करना.

* योनि के आसपास बार-बार छूने या खरोचने की इच्छा होना.

अगर आप उपर्युक्त लक्षणों को खुद में महसूस करती हैं तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. साथ ही अपने योनि के साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

योनि में खुजली का इलाज क्या है ?

योनि में खुजली होने के क्या कारण हो सकते हैं ? जानिए लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक इलाज 
योनि प्राकृतिक रूप से खुद को साफ करती रहती है. लेकिन साथ ही साथ आपको भी इसकी सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जब आप नहाती हैं तब आप अपनी योनि को पानी से साफ करें. साथ ही यह भी याद रहे कि आपको साबुन, क्रीम या दूसरी कोई भी केमिकल्स वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना है क्योंकि ऐसा करने से आपकी परेशानियां कम होने की जगह अधिक हो सकती है.

इसके अलावा आप हल्का गर्म पानी से भी योनि की सफाई कर सकती .हैं हल्का गर्म पानी से सफाई करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि योनि में इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है तथा सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं.

उम्र बढ़ने पर शरीर में कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होने लगते हैं. इनमें ऐसे बहुत सारे बदलाव होते हैं जो योनि में खुजली का कारण बनते हैं जैसे कि एस्ट्रोजन के स्तर का कम होना. इसका असर कम होने की वजह से योनि की परत पतली हो जाती है. जिसके कारण योनि में खुजली की समस्या हो जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए आप ब्रेस्टफीडिंग बंद कर सकती हैं क्योंकि ऐसा करने से स्ट्रोजन का स्तर संतुलित हो जाता है.

सुरक्षित शारीरिक संबंध नहीं बनाने के कारण यौन संचारित रोग होती है. यह भी योनि में खुजली होने के मुख्य कारणों में से एक है. यह बीमारी कई तरह की होती है जैसे कि गोनोरिया, प्राइवेट पार्ट में दाग, क्लेमाइडिया, ट्राईकोमोनिएसिस इत्यादि. योनि में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच असंतुलन होने के कारण, बैक्टीरियल वेजीनोसिस की समस्या सामने आती है जिसके कारण योनि में खुजली हो सकती है. इसके अलावा योनि में जलन भी हो सकती है, योनि से बदबू भी आ सकती है और असामान्य डिस्चार्ज भी हो सकता है.

इन सब का इलाज करने के लिए डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं. यह दवाएं टेबलेट, क्रीम या जेल के रूप में भी हो सकती है. कुछ दिनों तक इसका इस्तेमाल करने से आपकी समस्या दूर हो जाएगी. योनि में पहले से ही फंगस मौजूद रहते हैं लेकिन समय-समय पर इनको साफ ना करने के कारण यह अधिक हो जाते हैं जिसकी वजह से इस इंफेक्शन की समस्या हो जाती है. इस स्थिति में आपको एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए. यह क्रीम और कैप्सूल दोनों के रूप में आते हैं.

लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह बिना डॉक्टर से सलाह किए आपको किसी भी दवा या क्रीम का इस्तेमाल योनि की खुजली को दूर करने के लिए नहीं करना चाहिए. अपने मन मुताबिक दवा या क्रीम का इस्तेमाल करने से आपकी परेशानियां बढ़ सकती है.

योनि में खुजली का घरेलू इलाज क्या है ?

योनि में खुजली होने के क्या कारण हो सकते हैं ? जानिए लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक इलाज 
1 .इस समस्या को ठीक करने के लिए महिलाओं को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और बालों को हटाने के लिए सॉफ्टरेजर का इस्तेमाल करना चाहिए.

2 .एलोवेरा जेल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और अन्य तत्व पाया जाता है जिसको योनि के बाहरी भाग में लेप की तरह लगाने पर खुजली और जलन से राहत मिलता है.

3 .शरीर पर ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जिससे रगड़ ना आए, ऐसी समस्या नहीं हो इसलिए सूती कपड़े पहनना अधिक फायदेमंद रहेगा.

4 .हमेशा अपने जननांग क्षेत्र को धोने और साफ करने के लिए गर्म पानी और एक सौम्य कलिंजर का ही इस्तेमाल करें.

योनि में खुजली का आयुर्वेदिक इलाज क्या है ?

1 .इस रोग में ठंडे पानी से योनि प्रक्षालन करना और योनि का स्नेहन,` स्वेदन, उत्तरबस्ति आदि सभी प्रयोग लाभदायक होती हैं. इसमें गिलोय, हरीतकी, बहेड़ा, आंवला और जमालगोटा की जड़ के क्वाथ से योनि का प्रक्षालन 1 सप्ताह तक करने से अच्छा लाभ होता है. यदि प्रक्षालन ना किया जाए तो क्वाथ से भीगी हुई रुई का फाहा या साफ सूती कपड़ा भिगोकर योनि में रखें.

2 .चौकिया सुहागा गर्म पानी में घोलकर योनि प्रक्षालन करें अथवा योनि में वस्ति लगावें.

3 .नीम के पत्ते का उबाले हुए गुनगुने पानी या कार्बोलिक साबुन से दिन में तीन- चार बार योनि को धोएं. योनि को रस कपूर के पानी से धोना भी लाभकारी होता है.

उपर्युक्त औषधि युक्त पानी से योनि के प्रक्षालन के बाद योनि के मुख्य में चमेली के तेल से तर किया हुआ रुई का फाहा रखें अथवा संदल का तेल लगावें.

4 .गंधक का मलहम भी लगाना लाभकारी होता है. इससे योनि की खुजली नष्ट हो जाती है.

5 .घमरादि के तेल को रुई के फाहे में भिगोकर योनि में रखने से खुजली दूर होती है.

उपर्युक्त चिकित्सा क्रम का इस्तेमाल करने के साथ-साथ रोगिणी को निम्न औषधियों में से किसी एक का सेवन कराना चाहिए.

1 .सारिवादि क्वाथ- कृष्ण अनंतमूल, श्वेत अनंतमूल, निशोथ, गजपीपर का का क्वाथ सुबह-शाम पिलाने से लाभ होता है.

2 .चंद्रांशु रस- इसकी एक- दो गोली प्रतिदिन सुबह- शाम सेवन कराने से अच्छा लाभ होता है.

3 .शुद्ध सुहागा, पांचो नमक, वंशलोचन, शिलाजीत, सोठ, मोथा, चित्रक, पद्माख, नीलोफर, जीवंती, मुलेठी, मुनक्का, गिलोय, श्वेत चंदन, लाल चंदन सबको बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें. अब इसमें से 3 से 6 ग्राम चूर्ण पानी के साथ प्रतिदिन सेवन कराने से हर प्रकार की योनि में होने वाले खुजली ठीक हो जाते हैं.

4 .कच्ची फिटकरी 6 ग्राम को 1 लीटर पानी में घोलकर दिन में तीन बार योनि को धोने से खुजली में लाभ होता है.

5 .तेज शराब का फाहा योनि में रखने से उसके कीटाणु नष्ट होकर तीव्र स्वरूप की खुजली भी दूर होती है.

6 .त्रिफला घनत्व घनत्व को जल में मिलाकर योनि को धोने से खुजली एवं उससे उत्पन्न पिडिकाएं नष्ट हो जाती है.

विशेष ज्ञातव्य- रोग की सफलतम चिकित्सा के लिए जरूरी है कि सबसे पहले पेट को साफ करने के लिए कोई हल्का सा विरेचन रोगी को दें. इसके बाद रक्तशोधक औषधियां सेवन करावें और लाक्षणिक चिकित्सा भी जारी रखें. रोग ठीक हो जाने के बाद भी कुछ दिनों तक रक्तशोधक औषधियों का सेवन कराते रहें. उपर्युक्त चिकित्सा स्त्रीरोग चिकित्सा पुस्तक में वर्णित है.

डिस्क्लेमर-

यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है. यह किसी रोग के इलाज का सही विकल्प नही है क्योंकि रोग की अवस्था और कारण एवं दवा का सही चुनाव एक चिकित्सक ही कर सकता है. इसलिए किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरुर लें. धन्यवाद.  

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