कल्याण आयुर्वेद- कमर में दर्द महिलाओं को ही नही पुरूषों को भी होता है. लेकिन आज के इस लेख में महिलाओं को कमर दर्द होने के कारन, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में बात करेंगे.
![]() |
जानिए- महिलाओं में कमर दर्द होने के कारण और शर्तिया घरेलू उपाय |
हालाँकि लगभग 98% पीठ दर्द के मामलों में चिकित्सा की दृष्टि से कोई गंभीर बात नहीं होती लेकिन 2% मामलों में गंभीर संक्रमण या मेटास्टेटिक कैंसर कमर दर्द के कारण हो सकते हैं. इसलिये पीठ दर्द के मामलों को नजरंदाज नही करना चाहिये. यदि हम पौष्टिक भोजन खायें और व्यायाम को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मान कर अपना लें तो कमर दर्द की शिकायत दूर की जा सकती है.
जहां तक महिलाओं की बात है उनको सबसे ज्यादा कमर दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ता है. विशेष कर कामकाजी महिलाओं को क्योंकि सुबह जल्दी उठकर सबके लिये नाश्ता बनाना, बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजना, पति का भी ध्यान रखना क्योंकि कहीं वो अपने कार्यस्थल के लिये देर ना हो जाये, फिर खुद तैयार होकर अपने कार्यस्थल पर जाना. रात को घर आकर खाना बनाना, घर का काम करना. इस व्यस्त दिनचर्या में थकावट के साथ- साथ कमर में, सिर में या गर्दन में दर्द होना आम बात है. लेकिन समस्या उस समय और अधिक हो जाती है जब उसका मासिक धर्म चालू हो जाता है.
महिलाओं में कमर दर्द की वजह से शारीरिक क्षमता, मानसिक स्थिति, कामकाज और गृहस्थ जीवन पर प्रभाव पड़ता है. कई बार तो उसका स्वभाव चिड़चिड़ा और व्यवहार झुंझलाहट पूर्ण भी हो जाता है.
दर्द से प्रभावित क्षेत्र–
दर्द कमर के जिन हिस्सों को प्रभावित करता है उनको तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है जैसे-
1. कमर के निचले हिस्से में दर्द- रीढ़ और रीढ़ के आसपास का भाग जैसे नितंब, ऊपरी जांघ और कमर के क्षेत्र को प्रभावित करने वाले दर्द को मेडिकल भाषा में लम्बर या कोक्सीडीनिया (टेलबोन या सेक्रल दर्द) कहते हैं. यह कमर का सबसे सामान्य प्रकार का दर्द होता है.
2. कमर के बीच में दर्द- इसे थोरेसिक कहते हैं. कमर दर्द का यह भी सामान्य रूप का दर्द माना जाता है. यह लम्बर के क्षेत्र के बीच के हिस्से के साथ-साथ सर्वाइकल को भी प्रभावित करता है.
3. कमर के ऊपर वाले हिस्से में दर्द- यह कमर के ऊपर गर्दन और रीढ़ को अपना निशाना बनाता है जिसके कारण गर्दन और कंधे के हिस्से में अकड़न पैदा होती है. इसको सर्वाइकल दर्द कहा जाता है.
महिलाओं में कमर दर्द के कारण क्या है ?
![]() |
जानिए- महिलाओं में कमर दर्द होने के कारण और शर्तिया घरेलू उपाय |
1. मासिक धर्म- मासिक धर्म में अनियमितता, खून का ज्यादा बहाव या खून के बहाव में कमी कमर दर्द का बहुत बड़ा कारण हो सकता है. मासिक धर्म की सामान्य स्थिती में भी महिलाओं की कमर में साधारण सा दर्द होता ही है.
2. रजोनिवृत्ति- सामान्यतः 14 वर्ष की उम्र से लेकर 45-50 वर्ष की उम्र के बीच 28वें दिन मासिक धर्म होता है और डिम्बग्रन्थि से एक परिपक्व डिम्ब बाहर निकलता है. यही डिम्ब, डिम्बवाहिका नली में शुक्राणु से मिलकर, गर्भाशय में आकर गर्भ का रूप बन जाता है. डिम्बग्रन्थि में बननेवाले अन्तःस्राव ही डिम्ब के परिपक्व होने के बाद अंडोत्सर्ग, गर्भस्थापना और गर्भवृद्धि की वजह बनते हैं.
डिम्बग्रन्थि में परिपक्व डिम्बों के बंद हो जाने पर मासिक धर्म भी बन्द हो जाता है. अर्थात् डिम्बग्रन्थि के सक्रिय जीवन की समाप्ति पर अन्तःस्रावों का बनना बंद हो जाता है. जिसे रजोनिवृत्ति कहते है.
यह महिला के जीवन में बदलाव का समय होता है। वैसे भी रजोनिवृत्ति का मतलब ‘जीवन में परिवर्तन’ है. रजोनिवृत्ति होने पर महिला में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के परिवर्तन आ जाती हैं. शरीर में ढीलापन होना, थकावट रहना, मन में उदासी, चिंतन, सहवास की इच्छा ना होना, नींद ना आना, शरीर के अंगों में दर्द रहना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं. मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद होने पर, रजोनिवृत्ति कमर दर्द का कारण बनती है.
3. वजन का बढ़ना- वजन का बढ़ना भी कमर दर्द के कारणों में से एक है. जब वजन बढ़ता है तो शरीर का भार रीढ़ की हड्डी पर पड़ना स्वाभाविक है. यह भार मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव डालता है जिससे जोड़ों में खिंचाव उत्पन्न होता है. यही दबाव और खिंचाव कमर दर्द का कारण बनता है.
4. रीढ़ पर दबाव- रीढ़ के किसी भी भाग पर दबाव पड़ने के कारण पीठ में दर्द हो जाता है . यह दर्द गर्दन से कमर के नीचे तक भी प्रभावित कर सकता है.
5. रीढ़ में दर्द- रीढ़ में दर्द होने का मतलब है पूरी कमर में दर्द का फैलना. इतना ही नहीं स्लिप डिस्क की समस्या भी हो सकती है. रीढ़ में दर्द रीढ़ पर दबाव पड़ने के कारण होता है और ये दबाव पड़ता है गलत मुद्रा में ज्यादा देर तक बैठे रहने, ज्यादा देर खड़े रहने या गलत तरीके से खड़े रहने के कारण. कम्प्यूटर चेयर का गलत होना, गलत पोजीशन लेकर टाइप करना, ज्यादा भार उठा लेना आदि अनेक कारणों से रीढ़ और कमर में दर्द हो सकता है.
6.हाई हील्स- आजकल हाई हील्स का जुत्ते- चप्पल पहनना महिलाओं एवं लड़कियों को ज्यादा पसंद है जो कमर दर्द का बहुत बड़ा कारण है क्योंकि शरीर का भार केवल पैर के पंजों पर टिका होता है जिससे शरीर का संतुलन असमान्य रहता है और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है. कमर, पैरों में दर्द, सूजन होने के अतिरिक्त अर्थराइटिस होने की संभावना अधिक हो जाती है.
7. पोषक तत्वों की कमी- भोजन में आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन्स्, प्रोटीन आदि पोषक तत्वों की कमी होने के कारण भी कमर दर्द होने लगता है.
8. विटामिन-डी की कमी- स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिये विटामिन-डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है. विशेषकर महिलाओं के लिये विटामिन-डी की ज्यादा आवश्यकता होती है. विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी के कारण भी कमर दर्द की संभावना बढ़ सकती है.
9. संक्रमण- प्रजनन अंगों में संक्रमण होने के कारण भी कमर दर्द हो सकता है.
10. स्त्री रोग- रक्ताल्पता, श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर के कारण भी कमर दर्द हो सकता है.
कमर दर्द से छुटकारा पाने के शर्तिया घरेलू उपाय
![]() |
जानिए- महिलाओं में कमर दर्द होने के कारण और शर्तिया घरेलू उपाय |
(i) अदरक कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए बहुत अच्छा उपाय है. इसके लिए अदरक के 5-6 टुकड़ों को 2 कप पानी में डालकर हल्की आग पर 15-20 मिनट उबालें. फिर थोड़ा ठंडा करके इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पी लें. इस तरह प्रतिदिन पीने से कमर दर्द से राहत मिलेगा.
(ii) अदरक की चाय भी कमर दर्द से राहत पाने के लिए मददगार है. इसके लिए एक चम्मच अदरक पाउडर या 6-7 कटे हुई टुकड़े, आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच लौंग का पाउडर 2 कप पानी में उबालें. जब पानी एक कप रह जाये तो छानकर चाय की तरह धीरे- धीरे पी लें.
(iii) अदरक को कूटकर पेस्ट तैयार कर लें और दर्द वाले स्थान पर लगाकर थोड़ा सा नीलगिरी का तेल लगा दें. इससे तुरंत ही कमर या अन्य हिस्सों के दर्द से राहत मिलेगा.
(iv) अदरक के रस को नारियल तेल में मिलाकर गर्म कर लें. फिर इसको छान लें और गुनगुना ही कमर में लगाकर मालिश करें दर्द से काफी आराम मिलेगा.
2. दूध- दूध में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं इसलिए प्रतिदिन एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना कमर दर्द से राहत दिलाने में काफी मददगार होगा.
3. अजवाइन- थोड़ी सी अजवाइन को हल्की सी भूनकर चबाकर खाने से दर्द में तुरंत आराम मिलेगा.
4. लहसुन- कमर दर्द के लिये लहसुन भी रामबाण औषधी के रूप में करता है. इसको इस प्रकार उपयोग कर सकते हैं-
(i) सरसों के तेल में लहसुन की 3-4 कलियां डालकर तब तक पकायें जब तक कि लहसुन की कलियां काली ना पड़ जायें. अब इसे छानकर ठण्डा होने पर, या गुनगुना तेल, दर्द वाली जगह पर लगा कर मालिश करें. सरसों के तेल की जगह आप नारियल तेल या तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं और लहसुन के साथ 2-3 लौंग या थोड़ी सी अजवायन भी पका सकते हैं.
(ii) प्रतिदिन सुबह खाली पेट लहसुन की 2-3 कलियां खाकर गुनगुना पानी पिएं. इससे कमर दर्द में काफी आराम मिलेगा.
5. सेंधा नमक- सेंधा नमक में हल्का सा पानी डालकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें. अब इस पेस्ट को किसी कपड़े में डालकर निचोड़ दें ताकि इसमें से पानी अलग हो जाये. अब इस पेस्ट को दर्द वाली जगह पर लगायें. यह दर्द को कम करेगा.
6. खजूर– प्रतिदिन 5 खजूर उबाल लें फिर उसमें 2 ग्राम मेथी पाउडर मिला कर पीने से कमर दर्द से काफी राहत मिलेगा.
7. तुलसी- तुलसी की 8-10 पत्तियों को एक कप पानी में डाल कर उबालें. जब पानी आधा रह जाये तो इसे ठंडा कर लें और इसमें हल्का सा नमक मिलाकर पी लें.
8. बादाम- 4-5 बादाम रात को भिगोकर रख दें सुबह छिलका हटाकर पीसकर एक गिलास दूध में मिलकर करके पीयें.
9. बादाम तेल- प्रतिदिन बादाम तेल की मालिश करने से भी कमर दर्द से राहत मिलता है.
10. मेथी- मेथी दानों को सरसों के तेल में मिलाकर भून लें. अब तेल को छानकर मालिश करें. कमर दर्द में आराम मिलेगा.
11. तिल का तेल- तिल के तेल से मालिश करने पर कमर दर्द और मांसपेशियों में आराम मिलता है.
12. पानी की भाप- पानी की भाप से सिकाई करने से भी कमर दर्द में आराम मिलती है. यह एक अच्छा और सरल घरेलू उपचार है. गर्म पानी में सेंदा नमक भी मिला सकते हैं. गर्म पानी में नरम तौलिया भिगोकर निचोड़ लें. इस तौलिया को कमर में लपेट लें. इसकी भाप दर्द में आराम दिलाता है.
13. बर्फ- बर्फ की सिकाई से कमर दर्द में राहत मिलेगा इसके लिए कुटी हुई बर्फ को कपड़े में बांध कर दर्द वाले स्थान पर रखें. यह प्रकिया दिन में कई बार करने से कमर दर्द में आराम मिलता है.
डिस्क्लेमर-
आज के लेख में हमने आपको महिलाओं में कमर दर्द होने के कारण और के घरेलू उपचार के बारे में जानकारी दी. आशा है कि आपको ये लेख अवश्य पसन्द आया होगा. आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें. जिससे सभी इसका लाभ उठा सकें.
हालाँकि यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी बीमारी के इलाज का विकल्प नही है उपर्युक्त उपचार से आराम नही मिलने पर योग्य डॉक्टर की सलाह लेकर उचित इलाज करें. धन्यवाद.
0 Comments