Diabetes- हाई ब्लड शुगर को कैसे कम करें ? जानिए कारण, लक्षण और उपाय

कल्याण आयुर्वेद- आजकल डायबिटीज एक आम बीमारी बनती जा रही है. जिससे न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाएं भी काफी संख्या में प्रभावित हो रही हैं. आज हम इस लेख के माध्यम से मै अपना ब्लड शुगर तुरंत कैसे कम कर सकता हूँ? के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.

Diabetes- हाई ब्लड शुगर को कैसे कम करें ? जानिए कारण, लक्षण और उपाय

सबसे पहले जान लेते हैं डायबिटीज के बारे में.

डायबिटीज क्या है?

जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है. इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं. इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है. इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है. ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खा रहे हैं. इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है.

उच्च रक्त शर्करा का क्या कारण है?

ऐसे कई कारक हैं जो रक्त शर्करा के स्तर में बदलाव का कारण बन सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

1. आहार- कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे चीनी और रिफाइंड अनाज का अधिक सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ सकता है.

2. हार्मोनल असंतुलन- इंसुलिन और ग्लूकागन, हार्मोन जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करते हैं, मधुमेह जैसी कुछ स्थितियों में असंतुलित हो सकते हैं.

3. शारीरिक गतिविधि- व्यायाम मांसपेशियों की कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है.

4. तनाव- तनाव रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है क्योंकि शरीर तनाव हार्मोन जारी करता है जो इंसुलिन और ग्लूकोज चयापचय को प्रभावित करता है.

5. दवाएं- स्टेरॉयड और एंटीसाइकोटिक्स जैसी कुछ दवाएं रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती हैं.

6. स्वास्थ्य की स्थिति- कुछ स्थितियां, जैसे कि अग्न्याशय की बीमारी और यकृत की बीमारी, इंसुलिन के उत्पादन और नियमन को प्रभावित कर सकती हैं और रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं.

उच्च रक्त शर्करा के लक्षण क्या हैं?

उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लेसेमिया) के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

1. प्यास का अधिक लगना.

2. बार-बार पेशाब होना.

3. आँखों की रौशनी में परिवर्तन होना ( धुंधली दृष्टि )

4. थकान ज्यादा महसूस होना.

5. मुंह और त्वचा का सूखना.

6. कट या घाव का जल्दी नही ठीक होना.

7. मतली या उल्टी.

8. सांसों की दुर्गंध

9. भ्रम या चिड़चिड़ापन होना.

10. तेज या गहरी सांस लेना.

11 .वजन घटने लगता है.

12 .हाथ या पैर में सुन्नता आना.

तत्काल चिकित्सा की तलाश करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा का स्तर मधुमेह जैसी स्थिति की उपस्थिति का संकेत दे सकता है और अनुपचारित रहने पर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है.

मधुमेह की जटिलताएं क्या हैं? 

हृदय रोग जैसे कोरोनरी धमनी रोग, सीने में दर्द, स्ट्रोक , एथेरोस्क्लेरोसिस (हृदय की धमनियों का संकुचित होना), और दिल का दौरा। किडनी को नुकसान फिल्टरिंग सिस्टम में बाधा डाल सकता है.

रक्त शर्करा का सामान्य स्तर क्या है?

रक्त शर्करा के स्तर की सामान्य सीमा दिन के समय और हाल के भोजन के आधार पर भिन्न होती है, लेकिन आमतौर पर निम्नलिखित को सामान्य स्तर माना जाता है:

1. फास्टिंग ब्लड शुगर (भोजन से पहले): 70-100 mg/dL

2. भोजन के बाद रक्त शर्करा (भोजन के बाद): 140 mg/dL से कम

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये श्रेणियां आयु, समग्र स्वास्थ्य और मधुमेह जैसी स्थितियों की उपस्थिति जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं. अपने रक्त शर्करा के स्तर के बारे में अधिक वैयक्तिकृत और सटीक जानकारी के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना सबसे अच्छा है.

क्या आप जानते हैं कि उच्च रक्त शर्करा आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है ?

उच्च रक्त शर्करा, जिसे हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है, शरीर पर कई प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. समय के साथ, यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और हृदय रोग, तंत्रिका क्षति और गुर्दे की बीमारी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकता है, जिससे संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है. इसके अतिरिक्त, उच्च रक्त शर्करा के स्तर से धुंधली दृष्टि, धीमी गति से घाव भरने और प्यास और भूख में वृद्धि हो सकती है. गंभीर मामलों में, यह मधुमेह केटोएसिडोसिस नामक जीवन-धमकाने वाली स्थिति पैदा कर सकता है.

हाई ब्लड शुगर को कैसे कम करें ?

उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं-

1. संतुलित आहार लें- अपने आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें.

2. नियमित रूप से व्यायाम करें- शारीरिक गतिविधि इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करती है और रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है.

3. स्वस्थ वजन बनाए रखें- अधिक वजन टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है.

4. शक्कर युक्त खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें- अतिरिक्त शक्कर वाले खाद्य पदार्थ तेजी से रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं.

5. तनाव का प्रबंधन करें- तनाव रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है और मधुमेह के लक्षणों को और खराब कर सकता है.

6. धूम्रपान बंद करें- धूम्रपान इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है.

उच्च रक्त शर्करा को कम करने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय- 

1- जामुन के बीज- डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में जामुन के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इसका चूर्ण बना लें. अब इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. 

2- अंजीर के पत्ते- अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है. अंजीर के पत्तों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है. 

3- मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद मानी जाती है. मेथी के बीज खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. इसके लिए आपको एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रखना है. सुबह खाली पेट बीज समेत पानी को पी लें. आपको इसके आधे घंटे तक कोई दूसरी चीज नहीं खानी है. 

4- जैतून का तेल- जैतून के तेल का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है. इससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल को कम करने में मदद मिलती है. जैतून के तेल से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. लंबे समय तक जैतून के तेल का उपयोग करने से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम रहता है.

5- लहसुन- लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है. सभी के घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें. सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें. 

6- दालचीनी- खड़े मसालों में दालचीनी सभी के घर में इस्तेमाल होती है. दालचीनी से डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. इसमें मधुमेह विरोधी गुण पाए जाते हैं. दालचीने के उपयोग से ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए आप रोज आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करें. 

7- अंगूर के बीज- डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अंगूर के बीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है. इनमें ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं. अंगूर के बीज को पीस कर चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. अंगूर के बीज में विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स, लिनोलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो डायबिटीज के इलाज में प्रभावी होते हैं. 

8- एलोवेरा- पिछले काफी समय से आयुर्वेद में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा रहा है. मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए भी एलोवेरा के जूस का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है. एलोवेरा जूस पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व होते हैं जिससे ब्लड शुगर कम रहता है. 

9- आंवला- आंवला डायबिटीज में भी फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी से पाया जाता है. आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं. आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है. आप आंवला पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

10- नीम- नीम के पत्ते चबाने और रस पीने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. इसके अलावी नीम में एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं. ये सभी तत्व मधुमेह भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

Disclaimer: इस लेख में में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की कल्याण आयुर्वेद पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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