स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ?

कल्याण आयुर्वेद- हमेशा स्वस्थ्य रहने के लिए क्या करना चाहिए ? यह सवाल हर किसी के मन में आते रहते हैं लेकिन जब इसका उतर ढूढने निकलते हैं तो निर्णय ले पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं क्योंकि कोइ कहता हैं – ‘इस’ नियमों का पालन करें तो कोइ कहता हैं ‘उस’ नियम का पालन करें. ऐसे में व्यक्ति खुद असमंजस में पड़ जाता हैं कि आखिर स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ? 

अगर आधुनिक समय की बात करें तो देखने सुनने को इतने नियम मिल रहे हैं कि व्यक्ति को ये समझ नहीं आता है कि वास्तव में किस नियम का पालन करना हैं और वह अंत में कुछ नहीं करते हैं और जैसे जीवन चल रहा होता हैं उसे वैसे ही चलने देते हैं. 

लेकिन अगर आप खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको “ऋषि वाग्भट” जी के द्वारा बताये गए ऐसी 4 सबसे आसान नियमों का पालन करना चाहिए जिससे आप हमेशा स्वस्थ्य रह सकते हैं.

तो चलिए हम इस लेख के माध्यम से बताते हैं ऋषि वाग्भट” जी द्वारा बताये गये अच्छे स्वास्थ्य के चार नियम के बारे में-

यदि आप प्राणयाम के साथ आयुर्वेद में बताये गये इस सिर्फ 4 नियमों का पालन करते हैं तो आप हमेशा जीवन भर निरोग रहेंगें और शरीर को अस्वस्थ्य करने वाले किसी भी कारकों को आप तक पहुँचने नहीं देंगें , सर्दी जुकाम से लेकर ब्लड प्रेशर, शुगर आदि तक सब सामान्य रहेंगें और आपको कभी भी डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ? 

हमारे ऋषि मुनि भी इसी आयुर्वेद के चार नियमों का पालन करते थे और जिसके कारण वे हमेशा स्वस्थ रहते थे. आयुर्वेद में कहा गया हैं कि किसी भी व्यक्ति को रोग मुक्त रहना हैं तो वह अपने जीवन में तीन बातों का हमेशा ध्यान रखें वह तीन बातें हैं- वात , पित्त और कफ  अर्थात जो व्यक्ति वात , पित्त , कफ को संतुलित रख लेता हैं तो वह हमेशा रोग मुक्त रहता हैं और वह हमेशा स्वस्थ्य रहते हैं. 

हमारे शरीर में तीन तरह के दोष होते हैं जिसे  वात , पित्त , कफ  कहा जाता हैं , और अगर यही वात, पित्त कफ हमारे शरीर में असंतुलित हो जाते हैं तो रोग उत्पन्न करते हैं. इन्ही को संतुलित रखने के लिए हमें उन चार नियमों का पालन करना चाहिए जो बहुत आवश्यक हैं.

जब वात बिगड़ जाता हैं तो शरीर में 80 से ज्यादा रोग प्रवेश कर जाते हैं.

पित्त बिगड़ जाता हैं तो लगभग 50 से अधिक रोग शरीर में प्रवेश करते हैं.

जब कफ बिगड़ जाते हैं तो 28 रोग प्रवेश करते हैं और वात, पित्त, कफ जब तीनों एक साथ बिगड़ जाते हैं तो 148 रोग हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, सर्दी, खांसी, जुकाम, मधुमेह से लेकर कैंसर तक  वात, पित्त. कफ के बिगड़ने से उत्पन्न होते हैं. इसलिए हमें वात,पित, कफ को हमेशा संतुलित रखना चाहिए.

 अब हम आपको बताते है वात, पित्त, कफ को संतुलित करने के लिए वह चार नियम क्या है?

1 .हमेशा स्वस्थ रहने के लिए पहले नियम कि बात करें तो खाना खाने के बाद तुरंत पानी न पिएं – व्यक्ति खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं तो वह पानी जहर पिने के सामान होता हैं इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी नहीं पीना चाहिए. फिर पानी कब पीना चाहिए यह भी प्रश्न आपके मन में आते होंगें तो आपको बताना चाहेंगें कि खाना खाने के 1 घंटे के बाद पानी पीना हैं अर्थात खाने के 1 घंटे के बाद ही पानी पीजिए या कम- से – काम आधा घंटे तो जरूर रुकिए. क्योंकि  जब हम खाना खाते हैं तो वह खाना पेट में एक स्थान पर जमा  होता हैं और पेट के उस स्थान को “जठर” कहा जाता हैं  जिसे अमाशय भी कह सकते हैं. जठर में जैसे ही खाना जमा होता हैं तो आग जलने लगती हैं जिस आग को “जठर आग” कहा जाता हैं जो आग खाना को पकाते हैं,वह आग खाना को वैसे ही पचाते हैं जैसे आप कोइ चूल्हा पर खाना पकाते हैं और आपने देखा होगा की जब तक चूल्हे पर आग जलती रहती हैं तब तक खाना पकती रहती हैं इसी प्रकार जब तक पेट के जठर अग्नि जलती रहती हैं तब तक पेट का खाना पकती रहती  हैं “पेट के खाना को पकने की क्रिया को पाचन क्रिया कहा जाता हैं” अतः जठर अग्नि के कारण ही खाना पचता हैं.

स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ? 

आप जरा खुद सोचिये आग में पानी डालने पर क्या होता हैं तो इसका सीधा सा जबाब हैं आपको मिलेगा कि आग बुझ जाती हैं  उसी प्रकार जब हम खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीते हैं तो जठर अग्नि बुझ जाती हैं जिसके कारण हमारा खाना नहीं पचता हैं और वह खाना पेट में सड़ता हैं जो सड़ा हुवा खाना कई प्रकार के विष उत्पन करते हैं और वह विष हमारे शरीर में कई रोग उत्पन्न करते हैं. जैसे कि पेट में गैस बनना , जलन होना , खाने के बाद पेट का फूलना उन्ही कारणों से होता  हैं. यानि खाना नहीं पचेगा तो वह सड़ेगा और खाना सड़ेगा तो विष बनेगा और विष बनेगा तो पेट में कई रोग उत्पन्न करेगा और और आप अच्छी तरह से जानते या सुने होंगे कि पेट खराब तो पूरा शरीर खराब रहता हैं. हाँ, यदि आप चाहे तो खाना खाने से 30/40 मिनट पहले पानी जितना मन करें पी सकते हैं यह एक अच्छा विकल्प हैं. यदि खाना के बाद पानी पीना आवश्यकत हैं तो आप जूस अथवा मट्ठा पी सकते हैं. 

2 .हमेशा स्वस्थ रहने के लिए दूसरा नियम है आप जब भी पानी पीए घुट-घुट कर पीए – जब हम घुट- घुट भर के पानी पीते हैं तो मुँह के लार  पानी के साथ मिलकर हमारे पेट में चला जाता हैं जो हमारे लिए काफी लाभदायक होता हैं क्योंकि पेट में हमेशा अम्ल बनता रहता हैं और मुँह के लार  क्षारीय होते हैं.  जब अम्ल और क्षारीय आपस में अच्छे तरह से मिलते हैं तो पेट में अम्लता को बढ़ने नहीं देते हैं यानि एसिडिटी की समस्या नहीं होती हैं और जब पेट में अम्लता नहीं होगी तो रक्त में भी अम्लता नहीं होगी और जब रक्त में अम्लता नहीं होगी तो  कभी भी वात, पित्त, कफ के असंतुलित नही होंगे. जिससे हम बिमारियों से बचे रहेंगे.

स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ? 

आपने पशु ,पक्षी , जानवर आदि को पानी पीते हुए जरुर देखा होगा क्या आप परिक्षण किए हैं कि जानवर या पक्षी पानी कैसे पीते हैं, मनुष्य से तो कई गुना अच्छा जानवर एवं पक्षियाँ हैं जो कभी बीमार नहीं पड़ते हैं और मनुष्य हजारों हजारों बिमारियों का शिकार होते रहते हैं.

आप जब शेर को पानी पीते देखे होंगे तो वह जीभ से चाटकर पीते हैं. कुत्ता को भी आपने जीभ से पानी पीते देखें होंगें.

पक्षी पानी को चोंच में उठाकर पीते हैं  ये तो आप जरूर देखें होंगें वह पक्षी पानी मुँह में रखता हैं फिर चोंच में हिलाकर पीते हैं. अर्थात पशु- पक्षी आदि कभी भी बीमार नहीं पड़ते हैं और यदि पड़ते हैं तो मानव के करतूतों के कारण ।

हमेशा स्वस्थ रहने के तीसरे नियम की बात करें तो  ठंडा पानी कभी भी नहीं पीना चाहिए– आज कल लोग फ्रिज का पानी पीना अधिक पसंद करते हैं लेकिन इससे कितना हानि होता हैं आप यह सोचते रह जायेंगें. हम जानते हैं कि हमारा शरीर हमेशा गर्म रहता हैं और जब गर्म शरीर में ठंडा पानी पीते हैं तो दो क्रिया होती हैं एक तो पानी शरीर को ठंडा करेंगा या शरीर पानी को गर्म करेंगा. इससे होगा यह कि दोनों आपस में लड़ जायेंगें  इस क्रिया में जिसमें अधिक शक्ति होगी वह जीतेगा और पानी तो गर्म चीजों का दुश्मन होता ही हैं वह शरीर को  ठंडा कर ही देते हैं अतः ठंडा पानी हमारे शरीर को ठंडा कर देते हैं, शरीर के ठंडा होने से ह्रदय ठंडा होते हैं और ह्रदय के ठंडा होने से मस्तिक ठंडा हो जाते हैं इस तरह हमारे शरीर के आंतरिक क्रियाकलाप असंतुलित हो जाते हैं जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता हैं, अतः आपको बर्फ एवं फ्रिज का पानी कभी नहीं पीना चाहिए हमेशा सामान्य पानी पीना चाहिए ताकि शरीर उसको आसानी से समायोजन कर सकें. यानि अपने में उसे आसानी से मिला सके.

स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है ? 

हमेशा शरीर को स्वस्थ रखने के चौंथे नियम की बात करें तो सुबह उठने के बाद सबसे पहले पानी पीना चाहिए- क्योंकि इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता हैं कि पानी आंत को साफ कर देते हैं और जब आंत साफ हो जाते हैं तो मल त्याग अच्छी तरह से हो पाता हैं जब पेट साफ तो सभी रोग साफ रहते हैं और वह व्यक्ति कभी भी बीमार नहीं पड़ते हैं. दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि पानी के साथ मुँह के लार पेट में चला जाता हैं और सुबह के वक्त पेट में ज्यादा एसिड होता हैं जिसको रोकने में लार बहुत सहायक होते हैं. इसलिए सुबह उठे और सबसे पहले पानी पीए.

निष्कर्ष – स्वस्थ रहने के 4 नियम क्या है? अथवा हमेशा स्वस्थ रहने के लिए क्या करें , इसके बारे में जानकारियां मिल चुकी हैं यदि आप ऊपर बताये गए सभी नियमों का पालन करते हैं तो आपको बहुत लाभ होगा. दूसरी बात आपको योग एवं प्राणयाम को जीवन में आवश्य लागू करना हैं अर्थात आप प्राणयाम जरूर करें. यह जानकारी आपके लिए जरूर बहुत उपयोगी हैं अतः आप अपने जीवन को खुश एवं निरोग रखने के लिए जरूर अपनाए...धन्यवाद.

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