कल्याण आयुर्वेद- जिसके शरीर में रोग न हो उसे निरोग कहा जाता हैं और एक “स्वस्थ्य जीवन के लिए क्या आवश्यक हैं” तो स्वस्थ्य जीवन के लिए निरोग रहना अति आवश्यक हैं अर्थात जिसके शरीर में कोइ रोग नहीं हैं वही स्वस्थ्य हैं.
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निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए ? |
निरोग रहने के लिए बहुत सारे बातों का ध्यान रखना होता हैं. हमारे स्वास्थ्य को अलग-अलग प्राकृति परिवेश एवं मौसम प्रभावित करते हैं. एक वर्ष में 4 मौसम तथा 6 ऋतुएँ होते हैं जिन मौसम एवं ऋतुओं के साथ हमारे शरीर को अनुकूल करना होता हैं और जो लोग इनके साथ खुद को अनुकूल नहीं करते हैं तो वह आवश्य रोगी हो जाते हैं अर्थात जो समय अनुकूल खान- पान एवं रहन- सहन आदि का पालन नहीं करते हैं वह स्वस्थ्य नहीं रह पाता हैं. हम अभी आपको यह जानकारी देने जा रहे हैं कि निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए?
निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए?
प्रमुख बातें– आपने पेड़-पौंधे को अलग-अलग में फलते फूलते एवं झरते हुए देखें होंगें , वह एक समय में हरा-भरा हो जाता हैं तो एक समय में उनके पत्ते एवं डालियॉँ सुखकर जमीन पर गिर जाते हैं जो एक प्राकृतिक रूप से घटित होते हैं. क्या आप इन प्राकृतिक घटनाओं को रोक सकते हैं ? नहीं न.
हमारा शरीर भी प्राकृति का ही एक हिस्सा हैं जो हर तरह के मौसम से प्रभावित होते हैं जिन प्रभावों को संतुलित करने के लिए शरीर के पास वह सारे क्षमताएँ मौजूद होनी चाहिए जिससे उन प्रभावों को सामना कर सकें यदि हम बाहरी प्रभावों को संतुलित करने या उसे रोकने में असमर्थ होते हैं तो हम बीमार पर जाते हैं और हमारा शरीर असामान्य रूप से काम करने लग जाता हैं. इसके अलावा जिन लोगों का रहन -सहन , खान पान , दिनचर्या आदि ठीक नहीं रहता हैं वह कई प्रकार के रोगों से ग्रसित रहता हैं.
निरोग रहने के लिए मौसम के साथ खुद को अनुकूल करना जरूरी होता हैं:
यह बिलकुल सही हैं कि निरोग रहने के लिए हर तरह के मौसम के साथ खुद को संतुलन बनाये रखना पड़ता हैं और साथ में समय के अनुरूप खान-पान पर ध्यान देना होता हैं और हमारे शरीर को जिस चीज की जितनी आवश्यकता होती हैं वह उसे उतना ही प्राप्त करता हैं यदि हम कुछ ज्यादा देने का प्रयास करते हैं तो वह हमारे शरीर के लिए ठीक नहीं होता हैं.
जैसे -
गर्मी के मौसम में शरीर अनुकूल करने के लिए ठंडे वातावरण की आवश्यकता होती हैं यदि हम इसे अनुकूल करने में असमर्थ होते हैं तो हम बीमार पर जाते हैं.
यदि सर्दी का मौसम हैं इस समय में हमारे को प्रयाप्त गर्मी की आवश्यकता होती हैं इसलिए लोग स्वीटर जैकेट आदि पहने होते हैं ताकि ठंडी के प्रभाव से बचा जा सके और जो लोग इन मौसम से खुद को अनुकूल नहीं करते हैं वह बीमार पड़ जाते हैं अतः हमें निरोग रहने के लिए हर तरह के मौसम के साथ अनुकूल रहना पड़ता हैं और साथ में खाने- पीने की चीजों पर ध्यान रखना पड़ता हैं.
अभी तक आपने जाना हैं कि निरोग रहने के लिए हमें मौसम के साथ अनुकूल रहना पड़ता हैं. अब आगे आपको मूल रूप से ये बताने जा रहे हैं कि “निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए “जो की निम्नलिखित हैं।
शरीर को निरोगी कैसे रखें?
* सुबह समय पर जगना.
* समय पर भोजन करना.
* संतुलित आहार लेना.
* सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करना.
* प्राणयाम करना.
फलों आदि का सेवन करना. ये सब बातें तो अक्सर सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या इसे हर कोइ पूरा कर पाता हैं अथवा हर किसी के लिए संभव हैं किसी चीज को समझ लेना आसान हैं लेकिन उसे जीवन में उतरना उतना आसान नहीं हैं लेकिन हमें स्वस्थ्य रहना हैं तो इन सब बातों का ध्यान रखना ही पड़ता हैं.
यह बात सत्य हैं कि खाने वाले हर एक पदार्थ हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और इसके साथ नुकसान भी देखने को मिलेंगें. अब आपको यहाँ पर क्या करना चाहिए अतः शरीर को निरोगी कैसे रखें ? इसके लिए आप कुछ बातें का ध्यान रखना आवश्य होता हैं.
निरोग रहने के लिए इतने सारे नियम हैं कि आप गिनती करना भी भूल जायेंगें. कोइ कहते हैं सुबह को अनार का जूस पीना चाहिए तो कोइ कहते हैं शाम को सेव खाना चाहिए या कोई कहेंगें रोज एक ग्लास दूध पीजिए “आप किसकी बात मानेंगें” हाँ ये बात बिलकुल सत्य हैं कि हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन आप अपने शरीर के अनुसार ही किसी चीज का प्रयोग करें क्योंकि आपके शरीर के लिए कौन सी चीज कितना अनुकूल हैं इसे आप ही समझ सकते हैं. अतः निरोग रहने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दीजिए.
आयुर्वेद के अनुसार :
एक अच्छा दिनचर्या होना चाहिए. यदि आपका दिनचर्या अच्छा हैं तो आप जरूर निरोग रहेंगें. दिनचर्या में ही वह सारे बात समल्लित हो जाते हैं जो निरोग एवं स्वस्थ्य रहने के लिए प्रयाप्त हैं.
* सुबह 4:30 बजे जग जाना चाहिए.
* इसके बाद एक ग्लास गुनगुने पानी पीना चाहिए.
* इसके बाद नित्य क्रिया करके सुबह 6:00 तक में स्नान कर लेना चाहिए.
* इसके बाद प्राणयाम करना चाहिए.
* सुबह 9:30 बजे तक में पेट भर के भोजन कर लेना चाहिए. इसके बाद सुबह के तुलना में दोपहर में कम खाना चाहिए. फिर शाम होने से पहले ही भोजन कर लेना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार रात का भोजन निषेध हैं इसलिए रात में नहीं खाना चाहिए.
* खाना खाने के तुरंत पानी नहीं पीना हैं आधे घंटे के बाद ही पानी पीना चाहिए. यदि आप चाहते हैं तो खाने से आधे घंटे पहले पानी पी सकते हैं.
* खाना खाने के कुछ देर बाद फलों का जूस पी सकते हैं.
* सामान्य रूप से खाली पेट में फलों का सेवन न करें.
* ठंडा पानी या फ्रिज का पानी न पिए तथा बिलकुल सामान्य पानी पीना चाहिए और जब भी पानी पिए तो सिप- सिप कर पिए.
* गर्म पानी से स्नान नहीं करना चाहिए.
* खाने की जो वस्तुएँ आपके पास उपलब्ध हैं उसी के अनुसार उसका प्रयोग कीजिए और अपने दिनचर्या को ठीक करने का प्रयास कीजिए.
* एक अच्छा नींद आवश्य लीजिए और बिलकुल तनाव मुक्त रहिये.
* जरा सा भी आप अस्वस्थ्य महसूस करते हैं तो एक अच्छे सलाहकार से सलाह लेकर आयुर्वेदिक उपचार कीजिए.
* आप खुद परिक्षण कीजिए की किस प्रकार के दिनचर्या रखने से हम स्वस्थ्य रहते हैं. इसके लिए खान-पान , रहन-सहन आदि का खुद अनुभव कीजिए फिर उसे अपने जीवन में लागू कीजिए.
स्वस्थ रहने के लिए सुबह उठकर क्या करना चाहिए?
* स्वस्थ्य रहने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले थोड़ा देर खाली पैर जमीन पर घूमना चाहिए.
* इसके बाद खाली पेट एक ग्लास हल्का गर्म पानी पीजिए.
* इसके बाद नित्य क्रिया से निवृत हो जाइये, फिर इसके बाद स्नान कीजिए.
* इसके बाद प्राणयाम कीजिए.
* भर पेट भोजन कीजिए फिर इसके बाद अपने कार्यों को देखिए.
शरीर को मजबूत बनाने के लिए क्या खाना चाहिए ?
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निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए ? |
स्वस्थ रहने के लिए कितना भोजन करना चाहिए?
हमें उतना ही भोजन करना चाहिए जितनी हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं. हमें भोजन में बिलकुल संतुलित आहार लेना चाहिए. यदि आवश्यकता से अधिक खाना खाते हैं तो वह हानिकारक होता हैं , हाँ आप अपने खुराक को धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाना चाहिए?
स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास होता हैं इसलिए यदि आप स्वस्थ्य रहते हैं तो आपका मस्तिष्क भी स्वस्थ्य रहेंगें. अतः आप बस इतनी सी बातों का ध्यान रखना हैं कि हमें स्वस्थ्य रहना हैं.
मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के लिए खान-पान के ऊपर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता हैं अतः संतुलित भोजन खाने के साथ शरीर में केल्सियम के मात्रा सही रहना चाहिए , चना एवं बादाम आदि का सेवन करना चाहिए.
स्वस्थ रहने का क्या अर्थ है?
स्वस्थ्य रहने का अर्थ है कि हमारा शरीर सही तरह कार्य कर रही हैं और सभी अंग अच्छी तरह से कार्य कर रही हैं. यदि हमें किसी प्रकार के रोग नहीं हैं तो हम स्वस्थ्य हैं.
निष्कर्ष – अभी आपने जाना कि “निरोग रहने के लिए क्या करना चाहिए ? अथवा स्वस्थ जीवन के लिए क्या आवश्यक है?” जिसके बारे में आपको सार्थक जानकारी प्रदान कि गई हैं अतः यदि आप ऊपर बताये गए बातों का ध्यान रखते हैं तो आपको अवश्य लाभ मिलेंगें.
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