शुगर में होने वाली जटिलताएं-
डायबिटीज के मरीज ध्यान से पढ़ें- शुगर में होने वाली जटिलताएं कौन सी है? |
1. नर्व डैमेज से रेटिनोपैथी, नेफ्रोपैथी, पेरिफेरल न्यूरोपैथी-
बहुत अधिक ब्लड शुगर लेवल नसों को पोषण देने वाली छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। खासतौर से पैरों की नसों को, इससे झुनझुनी, सुन्नता, जलन या दर्द, जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। नर्व डैमेज के कारण अन्य कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे कि:
आंखों से जुड़ी परेशानी (रेटिनोपैथी) - अगर समय रहते शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो इससे आंख की रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है। इस स्थिति को डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) कहा जाता है। इससे दिखाई देना कम या बंद हो सकता है।
किडनी डैमेज (नेफ्रोपैथी) - यह किडनी से जुड़ी समस्या है। किडनी लाखों छोटे फिल्टर से बनी होती है, जिसे नेफ्रॉन (nephron) कहा जाता है। वहीं, हाई ब्लड शुगर लेवल किडनी के साथ-साथ नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। जिस कारण किडनी सही से काम नहीं कर पाती है। इसके अलावा, कई डायबेटिक्स को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी होती है, जिससे किडनी की समस्या का जोखिम हो सकता है।
हाथ-पैरों में दर्द-सुन्नपन (पेरिफेरल न्यूरोपैथी) - इस स्थिति में आपके रीढ़ की हड्डी (spinal cord) की वे नसें डैमेज होती हैं, जो आपके हाथों और पैरों से जुड़ी होती है। पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral Neuropathy) में पैरों का सुन्न होना, झुनझुनी, जलन, मांसपेशियों में कमज़ोरी ओर पैरों में अल्सर जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
2. ह्रदय से जुड़ी समस्याएं -
अगर लंबे समय तक रक्त शुगर असंतुलित रहता है, तो इससे ब्लड वेसल्स को हानि हो सकता है। इससे हृदय में रक्त की आपूर्ति और कार्य प्रभावित हो सकता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक होने का जोखिम बढ़ जाता है।
3. सुनने से जुड़ी समस्या-
लंबे समय तक ब्लड शुगर हाई रहने का असर सुनने की क्षमता पर भी पड़ता है। दरअसल, हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण कान की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिसका असर सुनने की क्षमता पर पड़ सकता है। इससे कुछ लोगों को कम सुनाई देना, तो कुछ लोगों को पूरी तरह सुनाई देना बंद हो सकता है।
शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के तरीके-
अगर आपके मन में यह सवाल आता है कि मधुमेह के कारण होने वाली बीमारियों को कैसे रोकें, तो आपको बता दें कि सही लाइफस्टाइल और दवाइयों की मदद से ऐसा किया जा सकता है।
* शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए हेल्दी डाइट का चयन कर सकते हैं।
* जंक फ़ूड व तले भूने खाद्य पदार्थ से परहेज़ करें।
* डायबिटीज में शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए व्यायाम और योग कर सकते हैं।
* शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए समय पर सोने और उठने का शेड्यूल बनाना चाहिए।
* रक्त शुगर को कंट्रोल करने के रेगुलर ब्लड शुगर मॉनिटर करना चाहिए।
* अगर ब्लड शुगर की दवा लेते हैं, तो नियमित तौर पर शुगर की दवा लेते रहें। जब तक डॉक्टर दवा बंद करने को न कहे तब तक दवा बंद न करें।
* जरूरत पड़ने पर और मधुमेह के कारण होने वाली जटिलताओं को रोकने के लिए इंसुलिन का उपयोग कर सकते हैं।
* इंसुलिन ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का काम कर सकता है। ध्यान रहे इंसुलिन डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही लें।
* डायबिटीज में समय रहते शुगर लेवल को कम करने के उपाय को अपनाएं। इससे शुगर से होने वाले रोग से बचने में मदद मिल सकती है।
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