उच्च रक्तचाप सहित कई जटिल बीमारियों का रामबाण औषधि है मेहंदी, जाने इस्तेमाल करने की विधि

कल्याण आयुर्वेद- मेहंदी एक ऐसा कुदरती पौधा है जिसका इस्तेमाल लड़कियां सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए करती है. जहाँ इसे हथिलियों पर लगाकर हाथों की सुन्दरता बढ़ाती है वही बालों में लगाकर बालों को काले, घने और मजबूत बनाती है. लेकिन यह सिर्फ सुंदरता ही नहीं बढ़ाता है बल्कि इसके पत्ते, फूल, फल एवं छाल में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो कई तरह की जटिल बीमारियों के इलाज में मददगार होते हैं. प्राचीन काल से ही हथेलियों पर मेहंदी लगाने की प्रथा रही है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसके रोग निवारण गुणों के बारे में बताया गया है.

उच्च रक्तचाप सहित कई जटिल बीमारियों का रामबाण औषधि है मेहंदी, जाने इस्तेमाल करने की विधि

तो चलिए जानते हैं मेहंदी के औषधीय गुणों के बारे में-

1 .खून को साफ करने के लिए मेहंदी को औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए रात को साफ पानी में मेहंदी के पत्ते भिंगोकर रखें और सुबह इसे छानकर पी लें. इससे खून साफ हो जाता है और चर्म रोगों से जुड़ी समस्याएं दूर होती है.

2 .घुटनों या जोड़ों के दर्द को दूर करने में मेहंदी काफी मददगार चीज होती है. इसके लिए मेहंदी और अरंडी के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को हल्का गर्म करके घुटने और दर्द वाले हिस्से पर लेप करें. दर्द से तुरंत आराम मिलेगा.

3 .सिर दर्द या माइग्रेन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए मेहंदी तुरंत ही असरकारी चीज है. इसके लिए मेहंदी के कुछ पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर माथे पर लेप करें. दर्द से तुरंत आराम मिलेगा.

4 .शरीर के किसी भी हिस्से पर जल जाने पर मेहंदी की छाल या पत्ते लेकर पीसकर पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट का जले हुए स्थान पर लेप करें. इससे जलन तो तुरंत दूर होता ही है घाव भी जल्दी भरने में मदद मिलती है.

5 .मेहंदी में दही, आंवला पाउडर, मेथी पाउडर मिलाकर घोल तैयार कर लें. अब इस घोल को बालों में लगाएं. 1 से 2 घंटे तक रखने के बाद बाल धो लें. ऐसा करने से बाल काले, घने और चमकदार बनते हैं. इससे रुसी की समस्या भी दूर हो जाती है.

6 .मेहंदी के पत्तों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनसे खाद पदार्थों को दूषित करने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. इसलिए हाथों में मेहंदी लगाने से कुप्रभाव युक्त शक्ति भोज्य पदार्थों पर अपना कोई प्रभाव नहीं डालती है इसलिए हाथों में कभी-कभी मेहंदी लगाना चाहिए.

7.उच्च रक्तचाप से ग्रसित रोगियों के लिए मेहंदी बहुत ही लाभदायक चीज है. तलवों तथा हथेलियों पर मेहंदी का लेप समय-समय पर लगाना उनके लिए लाभदायक होता है. इससे अनिद्रा दूर होकर रक्तचाप सामान्य होने में मदद मिलती है.

8 .ताजा हरी मेहंदी के पतियों को पानी के साथ पीसकर लेप करने से अच्छा लाभ होता है. इससे गर्मी की जलन से आराम मिलता है. तलवों पर लेप करने से नकसीर बंद हो जाता है.

9 .मेहंदी के फूल उत्तेजक, हृदय को बल देने वाले होते हैं. इसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से हृदय को ताकत मिलती है तथा नींद भी अच्छी आती है.

10 .मेहंदी की छाल का प्रयोग बढ़े हुए जिगर तथा झिल्ली, पथरी, जलन, कुष्ट और चर्म रोगों में किया जाता है.

11 .मेहंदी के चूर्ण में जरा सा नींबू का रस मिलाकर हाथों एवं पैरों के नाखूनों पर लेप करने से नाखूनों का खुरदरापन दूर होकर चमक आती है. पैरों में जलन तथा एड़ियों के फटने पर यह लेप काफी लाभदायक होता है.

12 .मुंह के छालों तथा गले की सूजन में मेहंदी के काढ़े से कुल्ला करने से अच्छा लाभ होता है. मेहंदी के पत्तों के स्वरस के साथ मिलाकर सेवन करने से पेशाब खुलकर आता है जिससे पेशाब रोग में लाभ होता है.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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