नीता अपने पति के साथ दोनों बच्चों के साथ अपने मायके आई हुई थी, बेटा मयंक आठ साल का था और बेटी गरिमा पांच साल की थी। दोनों नानी के घर खूब उछल -कूद करते थे, दिन भर नानी से ये खायेंगे वो खायेंगे अपने मनपसंद खाना बनवाते थे। नानी भी बड़े चाव से उनको खाना बना-बनाकर खिलाती थीं
,नीता को भी मायके आकर अपने बच्चों की फ़िक्र नहीं होती थी, दोनों बच्चे अपनी नानी से उलझे रहते थे। एक दिन दोनों बच्चे अपनी नानी के साथ सोने की जिद करने लगे,नानी ने दोनों बच्चों को अपने साथ सुला लिया। अगले दिन नानी तो जल्दी उठ गयीं,
लेकिन बच्चे आठ बजे तक सोकर उठे।उन दोनों बच्चों ने खाना बनाने वाली रेनू से दूध और बिस्किट मांग कर खाने लगे, नानी ने जब देखा बच्चे बिना ब्रश किए दूध और बिस्किट खा रहे हैं तो बच्चों की नानी बोली,"बेटे,ब्रश करने के बाद ही कुछ खाया -पिता करो, मम्मी ने तुमलोंगो को सिखाया नहीं कि पहले ब्रश करो फिर कुछ खाओ।"
भोली गरिमा बोली,"नानी हम लोग तो रोज ब्रश करते हैं, कभी -कभी नहीं करते हैं हमारी
मम्मी तो कभी ब्रश नहीं करती हैं।"
गरिमा की बात सुनते ही उसके भाई मयंक ने एक चांटा कसकर गरिमा को मारा और बोला,
"तुम मम्मी की बुराई करती हो।"
गरिमा के जोर -जोर से रोने की आवाज सुन कर बेटी-दामाद भी वहीं आ गयें, गरिमा के पापा गरिमा को चुपाते हुए बच्चों की नानी से पूछने लगे,"मम्मी, क्या हुआ! ये क्यों रो रही है?
बच्चों की नानी बोली,"बच्चों से ही पूछिये,तब मयंक ने बताया, ये मम्मी की बुराई कर रही थी कि हमारी मम्मी ब्रश नहीं करती हैं, इसलिए मैंने इसको मारा।"
बच्चों के मम्मी -पापा बच्चों की बात सुनकर ठहाका मारकर हंसे, नीता ने अपने बच्चों को
बताया,"मैं तुमलोंगो से पहले उठती हूं, मैं ब्रश पहले कर लेती हूं।"
देखिए बच्चे कितने भोले होते हैं जो देखते हैं वही करते हैं।
0 Comments