आज की रात्रि कहानी

 बेकार की बातें करके कभी कभी हम दूसरे के मन में गलत फहमी पैदा कर उसकी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं ।

जैसे एक सहेली ने दूसरी से पूछा:- बच्चा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया।

सहेली ने कहा - कुछ भी नहीं!

उसने फिर पूछा कि क्या ये अच्छी बात है उसकी नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं

*शब्दों का ये बम गिरा कर वह अपनी सहेली को छोड़कर चलती बनी।।*

शाम के वक्त उसका पति घर आया और पत्नी का मुंह उतरा हुआ पाया. दोनों में झगड़ा हुआ एक दूसरे को लानतें भेजी।।

मारपीट हुई,और आखिर पति पत्नी में तलाक हो गया ।

प्रॉब्लम की शुरुआत उस फिजूल जुमले से हुई जो उसका हालचाल जानने आई सहेली ने कहा था।

आज की रात्रि कहानी
ऐसे ही रवि ने अपने दोस्त पवन से पूछा:- तुम कहां काम करते हो…….

पवन- फलाना दुकान में।

रवि- कितनी तनख्वाह देता है?

पवन-18 हजार।।

रवि-18000 रुपये बस, *तुम्हारी जिंदगी कैसे कटती है इतने पैसों में *

पवन- (गहरी सांस खींचते हुए)- बस यार क्या बताऊं।।

कुछ दिनों के बाद पवन अपने काम से बेरूखा हो गया और तनख्वाह बढ़ाने की डिमांड कर दी ; जिसे मालिक ने रद्द कर दिया *पवन ने जॉब छोड़ दी और बेरोजगार हो गया पहले उसके पास काम था अब काम नहीं रहा*

*एक साहब ने एक शख्स से कहा ! आज कल कहाँ रहते हो बुजुर्ग ने कहा बेटे बहु के साथ उसने फिर सवाल किया बेटे बहु सेवा करते है, बुजुर्ग ने कहा हाँ,बहु ज्यादा करती है. बेटा काम काज में व्यस्त रहने की वजह से कम कर पाता है उसने फिर सवाल किया क्या उसे तुमसे लगाव नहीं है ?

बाप ने कहा बेटा व्यस्त रहता है, उसका काम का शेड्यूल बहुत सख्त है उसके बीवी बच्चे हैं, उसे बहुत कम वक्त मिलता है.

पहला आदमी बोला- वाह!! *यह क्या बात हुई, तुमने उसे पाला-पोसा उसकी हर इच्छा पूरी की, अब उसको बुढ़ापे में व्यस्तता की वजह से मिलने का वक्त नहीं मिलता है तो यह ना मिलने का बहाना है।।*

इस बातचीत के बाद बाप के दिल में बेटे के प्रति शंका पैदा हो गई।। बेटा जब भी ऑफिस से घर आता वो यही सोचता कि उसके पास सबके लिए वक्त है सिवाय मेरे।

*याद रखिए जुबान से निकले शब्द दूसरे पर बड़ा गहरा असर डाल देते हैं हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत से सवाल हमें बहुत मासूम लगते हैं पर किसी के घर में परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं …..*

जैसे-

*तुमने यह क्यों नहीं खरीदा ?

*तुम्हारे पास यह क्यों नहीं है ?

तुम इस पुरुष/स्त्री के साथ पूरी जिंदगी कैसे चल सकते हो?

इस तरह के बेमतलब सवाल हम नादानी में पूछ बैठते हैं. जबकि हम यह भूल जाते हैं कि हमारे ये सवाल सुनने वाले के दिल में नफरत या मोहब्बत का कौन सा बीज बो सकता है.

*आज के दौर में हमारे इर्द-गिर्द, समाज या घरों में जो टेंशन बढ़ रही है, उनकी जड़ तक जाए तो अक्सर उसके पीछे किसी और का हाथ होता है*

ऐसी हवा फैलाने वाले हम ना बनें।।

*लोगों के घरों में अंधे बनकर जाओ और वहां से गूंगे बनकर निकलो। **

*नित नेम याद करो शिव जी परमात्मा

*मस्त रहो व्यस्त रहो स्वस्थ रहो।

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