बहुत समय पहले की बात है, किसी राज्य में प्रतापी राजा का राज्य करता था . उस राजा के तीन पुत्र थे, एक दिन राजा के मन में विचार आया कि पुत्रों को कुछ ऐसी शिक्षा दी जाये कि समय आने पर वो राज-काज सम्भाल सकें.
प्रेरणादायक कहानी- राजा की तीन सिख |
सभी पुत्रों के लौट आने पर राजा ने पुनः सभी को दरबार में बुलाया और उस पेड़ के बारे में बताने को कहा।
पहला पुत्र बोला, “ पिताजी वह पेड़ तो बिलकुल टेढ़ा – मेढ़ा, और सूखा हुआ था .”
दुसरे पुत्र ने पहले को बीच में ही रोकते हुए कहा- नहीं -नहीं वो तो बिलकुल हरा –भरा था, लेकिन शायद उसमे कुछ कमी थी क्योंकि उस पेड़ पर एक भी फल नहीं लगा था .”, .
फिर तीसरा पुत्र बोला, “ भैया, लगता है आप भी कोई गलत पेड़ देख आये हैं क्योंकि मैंने सचमुच नाशपाती का पेड़ देखा, वो बहुत ही शानदार था और फलों से लदा पड़ा था .”
और तीनो पुत्र अपनी -अपनी बात को लेकर आपस में विवाद करने लगे कि तभी राजा अपने सिंघासन से उठे और बोले, “ पुत्रों, तुम्हे आपस में बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है, दरअसल तुम तीनो ही पेड़ का सही वर्णन कर रहे हो . मैंने जानबूझ कर तुम्हे अलग- अलग मौसम में पेड़ खोजने के लिए भेजा था और तुमने जो देखा वो उस मौसम के अनुसार सही था.
मैं चाहता हूँ कि इस अनुभव के आधार पर तुम तीन बातों को गाँठ बाँध लो :
पहली बात, किसी चीज के बारे में सही और पूर्ण जानकारी चाहिए तो तुम्हे उसे लम्बे समय तक देखना-परखना चाहिए . फिर चाहे वो कोई विषय हो,वस्तु हो या फिर कोई व्यक्ति ही क्यों न हो।
दूसरी बात, हर मौसम एक सा नहीं होता, जिस प्रकार पेड़ मौसम के अनुसार सूखता, हरा-भरा या फलों से लदा रहता है उसी प्रकार इन्सान के जीवन में भी उतार- चढाव आते रहते हैं, अतः अगर तुम कभी भी बुरे दौर से गुजर रहे हो तो अपनी हिम्मत और धैर्य बनाये रखो, समय अवश्य बदलता है।
और तीसरी बात, अपनी बात को ही सही मान कर उस पर अड़े मत रहो, अपना दिमाग खोलो, और दूसरों के विचारों को भी जानो। यह संसार ज्ञान से भरा पड़ा है, चाह कर भी तुम अकेले सारा ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते, इसलिए भ्रम की स्थिति में किसी ज्ञानी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच कभी मत करो। “
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