कल्याण आयुर्वेद- डायबिटीज या मधुमेह आज विश्वभर में प्रभावित करने वाली एक आम बीमारी बन गई है . वैश्विक मधुमेह महामारी में 77 मिलियन मधुमेह रोगियों के साथ भारत, चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. इन गुज़रे सालो मे डायबिटीज का वैश्विक प्रसार काफी बढ़ गया है . साल 2019 में मधुमेह के वैश्विक प्रसार ने 463 मिलियन लोगों को प्रभावित किया. इसी तेज़ी से अगर यह बीमारी लोगो को प्रभावित करती रही तो 2030 तक इसके 578 मिलियन लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है. 2045 तक समान बढ़ते रुझानों के साथ, 700 मिलियन लोग मधुमेह से प्रभावित होंगे. ज़रूरत है कि सारी दुनिया मिल कर इस बीमरी से फतह पाने की कोशिश करे| डायबिटीज को नियंत्रण करके सही जीवन गुज़ारा जा सकता है . इसलिए ज़रूरत है की लोगो मे डायबिटीज के प्रति सही जागरूगता हो, सही उपचार के बारे मे जानकारी हो और इस बीमारी के साथ स्वस्थ जीवन जीने के सही मार्गदर्शन हो . इस आर्टिकल के ज़रिये जानिये डायबिटीज के मुख्य कारण.
Diabetes- मधुमेह होने का मुख्य कारण क्या है? |
मधुमेह का मुख्य कारण क्या है?
मधुमेह के कई मरीज़ो के सर्वे से मालूम हुआ की कई मरीज़ो को डायबिटीज के बारे मे कुछ भी नहीं मालूम था . ज्यादातर लोगो को कई शिकायत थी जो डायबिटीज के मुख्य लक्षण और कारण थे मगर जानकारी नही होने के कारण इन लोगो मे डायबिटीज देर से पहचानी गई. रिसर्च से मालूम होता है कि डायबिटीज का सही प्रबंधन डायबिटीज के जल्दी पहचाने जाने पर और सही उपचार पर निर्भर करता है. इसलिए आवयश्कता है कि डायबिटीज की जल्द से जल्द मरीज़ों मे पहचान की जाये. इसके लिए जागरूगता और जानकारी बहुत ज़रूरी है. इस प्रकार, मधुमेह और इसके प्रबंधन के बारे में उचित जागरूकता आवश्यक है. यह आवश्यक है कि लोगों को मधुमेह के कारणों के बारे में शिक्षित किया जाए ताकि वे कारणों के बारे में रिपोर्ट कर सकें और शीघ्र निदान प्राप्त कर सकें.
डायबिटीज संक्षेप में-
भोजन की पाचन प्रक्रिया के बाद ग्लूकोज उत्पन्न होता है और रक्तप्रवाह में भेजा जाता है. रक्त के माध्यम से ग्लूकोज शरीर के सभी भागों में जाता है. फिर इसे ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए शरीर की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित किया जाता है.
उचित ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को बनाए रखने के लिए और ग्लूकोज अवशोषण में कोशिकाओं की मदद करने के लिए हमारा शरीर इंसुलिन नामक एक हार्मोन का उपयोग करता है. इंसुलिन शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज के प्रवेश में मदद करता है. अग्न्याशय इंसुलिन छोड़ता है जो ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है. इस प्रकार, इंसुलिन ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करता है और रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.
जब हमारा शरीर इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाता है, या जब अग्न्याशय की कोशिकाएं अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने में असफल हो जाती हैं, तो ब्लड ग्लूकोज़ या रक्त शर्करा का स्तर असामान्य हो जाता है. शरीर की कोशिकाएं भी रक्तप्रवाह से ग्लूकोज को अवशोषित करने में विफल हो जाती हैं. इसके परिणाम स्वरूप सामान्य स्तर की तुलना में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है. यह स्थिति जहां रक्त शर्करा का स्तर अधिक हो जाता है, डायबिटीज या मधुमेह के रूप में जाना जाता है.
कुल मिलाकर कहा जाये तो इंसुलिन के प्रतिरोधी या इंसुलिन के उत्पादन में कमी के कारण रक्त शर्करा का स्तर अधिक (180 मिलीग्राम / डीएल से ऊपर) बना रहता है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह (Diabetes) होता है.
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