कल्याण आयुर्वेद- वैसे आहार को संतुलित आहार कहा जाता है जिसके सेवन से हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है और हमारे पूरे शरीर का स्वास्थ्य बना रहता है. संतुलित आहार का सेवन करने से बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है. संतुलित आहार से संबंधित जरूरी बातों को तो हम सभी जानते हैं लेकिन किस खाद्य पदार्थ को कितने अनुपात में कब और क्यों एवं कैसे सेवन करना चाहिए. इसके बारे में बहुत कम ही लोग हैं जो जानते हैं.
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संतुलित आहार किसे कहते हैं ? जाने इसे खाने के फायदे |
इस स्थिति में हमारे स्वास्थ्य को कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है जैसे कि मोटापा, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप से लेकर कुपोषण और कई जटिल बीमारियां तक हो सकता है. जिसका प्रभाव हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्र पर पड़ता है. इसके साथ-साथ हमारे शरीर को थकान भी महसूस होना सामान्य हो जाता है.
संतुलित आहार चार्ट-
संतुलित आहार में साबुत अनाज को शामिल किया जाना चाहिए जैसे कि जौ, बाजरा. यह सभी स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होते हैं और उन्हें आपके आहार में जरूर शामिल होना चाहिए.
संतुलित आहार में फल और सब्जियों को भी शामिल किया जाना चाहिए जो कि विभिन्न तरह के विटामिन और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं.
प्रोटीन के स्रोत को भी शामिल किया जाना चाहिए जैसे कि दाल, दूध, दही, राजमा, लोबिया, सोयाबीन, मूंगफली, मेवा, अंडा, चिकन, मछली इत्यादि.
चीनी और नमक के साथ में वसा और तेल भी शामिल किया जाना चाहिए. इसमें शामिल भोजन जरूरी है लेकिन इन्हें कम मात्रा में सेवन करना चाहिए.
संतुलित आहार खाने के फायदे-
संतुलित पर्याप्त और विभिन्न पोषक तत्वों से युक्त आहार का चयन करना खुशहाल और स्वस्थ जीवन का अच्छा विकल्प है. आहार में उपस्थित विटामिन और खनिज तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ ही स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. एक स्वस्थ आहार का सेवन करने से कुछ विशेष प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है जैसे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग तथा कुछ प्रकार के कैंसर और एस्केलेटल या अस्थिपंजर से जुड़ी स्थितियों में मानव शरीर की रक्षा करता है. इस तरह संतुलित आहार के सेवन से हमारे पूरे शरीर की स्वास्थ्य ठीक रहता है.
संतुलित आहार का सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है. शरीर की पोषण से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए डेयरी और मांस के उत्पादों के थोड़े हिस्से के साथ-साथ आहार में साबुत अनाज, सब्जियों और फलों की उचित मात्रा सेवन करना चाहिए. प्रतिदिन इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हमारा वजन नियंत्रित रहता है.
संतुलित आहार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी बहुत जरूरी है. इससे प्रतिरक्षा प्रणाली के कुशल कार्य के लिए आवश्यक विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में शरीर को मिलते हैं. यहां तक कि कुछ पोषक तत्व जैसे कि विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, जस्ता, लोहा और सेलेनियम में थोड़ी कमी भी प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को बाधित कर सकती है. एक संतुलित आहार रक्त वाहिकाओं के कार्य पर भी प्रभाव डालता है क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली रक्त प्रवाह पर ही निर्भर करता है.
हमारे शरीर को विटामिन, खनिज और पोषक तत्वों के सही अनुपात के रूप में इंधन देते रहने से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है जो हमें अपने दिन भर के कार्यों को करने के लिए चाहिए. स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट जैसे कि साबुत अनाज, फल, सब्जी और फलियां धीमी गति से पचता है. इसलिए यह दिन भर शरीर में उर्जा की लगातार आपूर्ति के लिए रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को बनाए रखती है. प्रोटीन भी हमारे शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है जैसे कि अंडे, मछली, साबुत अनाज, टोफू, बींस और नट्स को आहार में सेवन करने से आपका आहार संतुलित हो सकता है.
संतुलित आहार के आवश्यक तत्व-
विटामिंस और खनिज-
यह माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पदार्थ चयापचय तंत्रिका और मांस पेशी एवं हड्डियों के रखरखाव और सेल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं. फल और सब्जियां विटामिन और खनिज का प्राथमिक स्रोत होते हैं. इसके साथ ही पोटेशियम, फाइबर, फोलेट, विटामिन ए और विटामिन सी भी इसके स्रोत हैं. कार्बोहाइड्रेट जैसे ग्लूकोज और फ्रुक्टोज भी फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं. फलों के जूस के ना पीकर ताजे फल खाना अधिक लाभदायक होता है. इससे फलों के पोषक तत्व बने रहते हैं और इनका सीधा असर हमारे शरीर पर होता है.
इसी तरह अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां व फल भी शामिल करना आवश्यक है. इससे शरीर को भरपूर पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद मिलती है जैसे कि ब्रोकली, पालक, सलाद, बिन्स इत्यादि.
प्रोटीन-
प्रोटीन शरीर की नई कोशिकाओं को बनाने और कोशिकाओं को बनाए रखने में मदद करती है. प्रोटीन प्रारंभिक दौर के बच्चे, किशोरावस्था और गर्भावस्था के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है. आपके प्रति दिन की आहार में 35% प्रोटीन का मिश्रण होना आवश्यक होता है. प्रोटीन दाल, चना, मटर, मूंगफली, दूध, अंडे, मछली इत्यादि में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए इनका नियमित सेवन करना शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होता है.
कार्बोहाइड्रेट-
कार्बोहाइड्रेट स्वैच्छिक और शरीर की अनैतिक कार्यों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है. कार्बोहाइड्रेट संपूर्ण अनाजों में शामिल है जैसे कि ब्राउन चावल, गेहूं, रागी, ज्वार, बाजरा, आलू, दलिया इत्यादि. इसलिए कार्बोहाइड्रेट को भी कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए यह भी आपके जरूरी आहार का हिस्सा है.
वसा-
वसा ऊर्जा और विटामिन प्रदान करता है और हार्मोन को संश्लेषित रखता है. वसा तीन प्रकार की होती है. पहला पॉलीअनसैचुरेटेड जैसे कि अखरोट, फ्लैक्सीड इत्यादि. दूसरा मोनोसैचुरेटेड वसा जैसे कि जैतून का तेल और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे कि मछली का तेल, अखरोट इत्यादि. तेल भी खाना पकाने के लिए मुख्य सामग्री होती है वनस्पति तेल खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है. इसके बदले आप परिष्कृत cold-pressed तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिसमें अधिक पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
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