कल्याण आयुर्वेद- आज के समय में रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर की समस्या आम होते जा रही है. यह कैंसर, हृदय रोग के जैसे खतरनाक भी हो सकता है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान, काम का तनाव आदि अधिक हो गया है जिसके कारण लगभग 75% लोग रक्तचाप की समस्या परेशान रहते हैं. इसमें कुछ लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाया करती है तो कुछ लोगों को न्यून रक्तचाप की समस्या हो जाती है.
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रक्तचाप क्या है ? अगर ज्यादा या कम हो गया है तो इसे कैसे करें नियंत्रित ? जाने घरेलू उपाय |
ज्यादातर पुरुषों में उच्च रक्तचाप की समस्या देखी जाती है तो वहीं महिलाओं में न्यून रक्तचाप की समस्या अधिक देखी जाती है. हालाँकि उच्च रक्तचाप या न्यून रक्तचाप महिला या पुरुष किसी को भी हो सकता है. आज हम इस लेख के माध्यम से रक्तचाप क्या है ? उच्च रक्तचाप एवं न्यून रक्तचाप होने के कारण, लक्षण और इसे नियंत्रित करने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में जानेंगे.
रक्तचाप क्या है ?
दिल का काम है उनको पंप करके पूरे शरीर में रक्त पहुंचाना और दिल का ही काम है पूरे शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई करना और एनर्जी प्रदान करना. खून तेजी से पंप होती है तो हमारी धमनियों में रक्त दौड़ता है. इसे दौड़ने में जो ताकत लगता है उसे ही रक्तचाप कहते हैं.रक्तचाप क्या है ? अगर ज्यादा या कम हो गया है तो इसे कैसे करें नियंत्रित ? जाने घरेलू उपाय
रक्तचाप दो तरह का होता है. एक तो होता है सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और दूसरा डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर. सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर दिल को पंप करने को कहते हैं और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर वह समय है जो पंप से दूसरे पंप के बीच लगता है.
आपने देखा होगा कभी आप बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर के यहां जाने के बाद सबसे पहले आपके रक्तचाप की जांच किया जाता है. अगर आप का रक्तचाप 120/ 80 है तो सामान्य है. ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं. अगर इससे ज्यादा या कम हो तो ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर के जैसे हैं. जो अपने में छिपा रहता है. कभी-कभी यह हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा सकता है.
उच्च रक्तचाप होने के क्या कारण है ?
अगर किसी व्यक्ति का कोलेस्ट्रोल लेबल अधिक हो गया है तो उच्च रक्तचाप की समस्या होती है. इसके अलावा मोटापा होने की वजह से, आनुवांशिक, ज्यादा मांसाहार भोजन करना, ज्यादा तैलीय भोजन करना, शराब पीना, अधिक तनाव में रहना, उम्र का अधिक होना, नमक का अधिक सेवन करना, बहुत वसा वाला खाना, सोरायसिस, गर्भावस्था आदि कारण हो सकते हैं.
उच्च रक्तचाप के लक्षण क्या है ?
उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण शुरुआती समय में सामने नहीं आते हैं. हालांकि शरीर में आने वाले कुछ बदलावों को देखकर उच्च रक्तचाप की पहचान की जा सकती है. जैसे कि तेज सिर दर्द होना, थकान महसूस होना, कन्फ्यूजन होना, देखने में दिक्कत होना, छाती में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी होना, दिल कभी-कभी धीरे धड़कना, पेशाब में खून आना, सीने में हल्कापन महसूस होना, सिर चकराना, आंखें लाल होना, नाक से खून निकलना, पेशाब में खून आना इत्यादि लक्षण होते हैं. जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.रक्तचाप क्या है ? अगर ज्यादा या कम हो गया है तो इसे कैसे करें नियंत्रित ? जाने घरेलू उपाय
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए क्या करें ?
यदि आप उच्च रक्तचाप के लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए एवं उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने की दवाओं का सेवन करना चाहिए.
इसके अलावे आपको पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए.
1 .पोटेशियम- उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को पोटैशियम की आवश्यकता होती है. इसके लिए आप केला, संतरा, कीवी, आलू, राजमा, पालक, दूध, दही, मछलियां इत्यादि का सेवन कर सकते हैं.
2 .कैल्शियम- कैल्शियम प्राप्त करने के लिए दूध, दही, पनीर, बिन्स, मसूर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, सालमन मछली इत्यादि का सेवन करना चाहिए. इससे आपको कैल्शियम प्राप्त हो सकता है.
3 .मैग्नीशियम- आपको न्यून मैग्नीशियम आहार की वजह से भी उच्च रक्तचाप हो सकता है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि अधिक मैग्नीशियम लेने से आपका उच्च रक्तचाप कम हो जाएगा. आमतौर पर यदि आप स्वस्थ आहार लेते हैं तो उसमें आपको पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम मिल सकता है. मैग्नीशियम अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मटर, गोभी आदि में पाया जाता है.
4 .लहसुन- उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति को लहसुन का सेवन करना लाभदायक होता है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि लहसुन खाने से उच्च रक्तचाप कम होता है. इसके साथ ही कुछ प्रकार के कैंसर और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में भी लहसुन मददगार होता है.
5 .फिश आयल- मैकेरल और सालमन जैसी मछलियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है और इसका सेवन करना उच्च रक्तचाप कर कम करने में मददगार हो सकता है.
न्यून रक्तचाप क्या है ?
निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है. यह तब होता है जब रक्तचाप सामान्य से काफी कम हो जाता है. इसका मतलब है कि सीधे मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच पाता है. आदर्श रूप से रक्तचाप 120/ 80 ( सिस्टोलिक/ डायस्टोलिक ) से कम होना चाहिए. सिस्टोलिक के लिए 90 मिलीमीटर एचजी से कम और डायस्टोलिक के लिए 60 मिलीमीटर एचजी से कम को न्यून रक्तचाप माना जाता है. बिना किसी लक्षण या संकेत न्यून रक्तचाप अस्वस्थ नहीं होता है. यानी कुछ लोगों में प्राकृतिक ही ऐसा पाया जाता है.रक्तचाप क्या है ? अगर ज्यादा या कम हो गया है तो इसे कैसे करें नियंत्रित ? जाने घरेलू उपाय
न्यून रक्तचाप के लक्षण क्या है ?
चक्कर आना और बेहोशी दोनों ही निम्न रक्तचाप के मुख्य लक्षण है. यह लक्षण सबसे आम है. सामान्य तौर पर जब आप अचानक बेहद कमजोरी महसूस करें या चक्कर आने जैसे लक्षण मिले तो निम्न रक्तचाप की हो सकती हैं, लेकिन मुख्य रूप से थकान, डिप्रेशन, जी मिचलाना, प्यास लगना, धुंधला दिखाई देना, त्वचा में पीलापन, शरीर ठंडा पड़ जाना, आधी अधूरी और तेज सांसें आना आदि न्यून रक्तचाप के मुख्य लक्षण है.
न्यून रक्तचाप होने के कारण क्या कारण है ?
शरीर में खून की कमी, कमजोरी व पोषण की कमी, ह्रदय रोग, शरीर में पानी की कमी, गर्भावस्था, तेज बुखार या डायरिया, आनुवांशिक कारण, सेप्सिस, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं और इसके लिए लगातार दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तब भी यह निम्न रक्तचाप का कारण बन सकता है.
न्यून रक्तचाप होने पर क्या करें ?
1 .खाने में नमक की मात्रा बढ़ाएं-
ज्यादा नमक खाने से उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है. लेकिन जिन लोगों का रक्तचाप न्यून हो गया है उन्हें नमक की मात्रा बढ़ाकर रक्तचाप को सामान्य कर सकते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप यह डॉक्टर की सलाह से ही करें.
2 .खूब पानी पिए-
अपने शरीर को हाइड्रेट रखें और भरपूर पानी पीते रहे. इससे रक्तचाप को सामान्य होने में मदद मिलेगी.
3 .व्यायाम करें-
व्यायाम रक्त के बहाव को सामान्य करने में मददगार होता है, ध्यान लगाना भी न्यून रक्तचाप के लिए बेहतर होगा.
4 .बादाम का सेवन करें-
बादाम में हेल्दी ओमेगा- 3 फैटी एसिड, प्रोटीन और एसेंशियल विटामिन मौजूद होते हैं. इसके सेवन से तुरंत ही निम्न रक्तचाप में लाभ होता है.
5 .चाय और कॉफी पिएं-
चाय और कॉफी न्यून रक्तचाप नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है क्योंकि यह शरीर में तुरंत ही गर्मी उत्पन्न करता है.
6 .थोड़े-थोड़े खाए-
यदि रक्तचाप कम हो गया हो तो एक बार में भरपेट न खाएं, बल्कि इसकी जगह थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर पौष्टिक आहार का सेवन करें.
7 .यह ड्रिंक पिएं-
यदि आपका रक्तचाप कम हो गया है तो चीनी, नमक और नींबू का घोल बनाकर पिएं. यह न्यूज़ रक्तचाप को तुरंत ही सामान्य करने में काफी मददगार होगा. आप चाहें तो एलेक्ट्रल पाउडर का घोल बनाकर पिएं.
8 .करें ये काम-
अगर आप लेटे या बैठे हुए हैं तो एकदम से न खड़ा होवें, ऐसा करने से चक्कर आ सकता है. इसलिए आपको धीरे-धीरे उठना चाहिए. हाथ- पैर चलाते रहें, लंबे समय तक आराम ना करें, पानी में नमक डालकर पिए इसमें सोडियम होता है जो ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में मददगार होगा.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. इस लेख में दी गई जानकारियां किसी इलाज का विकल्प नहीं है एवं किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह लें. धन्यवाद.
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