कल्याण आयुर्वेद- गर्भवती महिला के शरीर से ही उसके गर्भस्थ शिशु को पोषण प्राप्त होता है. अन्य पोषक तत्वों की तरह कैल्शियम भी गर्भावस्था में मां और बच्चे दोनों के लिए आवश्यक होता है.
गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम क्यों जरूरी है? जानें इसका प्रभाव और कमी को पूरा करने के लिए आहार |
गर्भावस्था में कैल्शियम प्रमुख खनिज पदार्थ होता है. इससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में मदद मिलती है. उम्र के अनुसार से शरीर में पर्याप्त कैल्शियम न होने या बहुत ज्यादा या कम मात्रा में कैल्शियम होने की वजह से गर्भावस्था में जटिलताएं सामने आ सकती हैं.
अगर आप भी गर्भवती हैं या कंसीव करने की सोच रही हैं तो पहले ही जान लें कि गर्भावस्था में कितनी मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है और आपके एवं शिशु के लिए ये क्यों जरूरी होता है.
गर्भावस्था में क्यों जरूरी है कैल्शियम-
कैल्शियम गर्भ में पल रहे शिशु के विकसित हो रहे दांतों और हड्डियों को मजबूती देता है एवं मांसपेशियों, दिल और नसों के विकास को भी बढ़ावा देता है. अगर आप गर्भावस्था में अपनी आहार से पर्याप्त कैल्शियम नहीं लेती हैं तो शरीर में पहले से जमा कैल्शियम बच्चे को मिलने लगता है. गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में खासतौर पर मां और बच्चे को कैल्शियम चाहिए होता है क्योंकि इस समय शिशु की हड्डियों का विकास अपने चरम पर होता है.
वहीं अगर आप गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त कैल्शियम नहीं लेती हैं तो आपमें कमजोर हड्डियों से संबंधित रोग यानी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा काफी बढ़ जाता है. प्रेग्नेंसी और स्तनपान की वजह से कई महिलाओं की हड्डियों का घनत्व भी कम हो जाता है.
गर्भावस्था में कितना जरूरी है कैल्शियम-
गर्भवती महिला को प्रतिदिन 1,000 मि.ग्रा कैल्शियम की जरूरत होती है. आपको प्रतिदिन अपनी आहार में दिन में 4 बार कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए.
अधिकतर प्रीनैटल विटामिनों में प्रतिदिन की जरूरत की पूर्ति के लिए पर्याप्त कैल्शियम नहीं होता है. लेकिन कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से आसानी से इसकी पूर्ति की जा सकती है.
कम कैल्शियम लेने का असर-
गर्भावस्था में जरूरत से कम या ज्यादा कैल्शियम लेने पर दिक्कतें आ सकते हैं. अगर आप कम मात्रा में कैल्श्यिम लेती हैं तो गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर, प्रीमैच्योर डिलीवरी, शिशु का जन्म के समय वजन कम होना, उंगलियों में सुन्नता और झनझनाहट, शिशु का धीमा विकास, बच्चे की हड्डियों को पर्याप्त कैल्शियम न मिल पाना, मांसपेशियों और टांगों में ऐंठन, भूख कम लगना और कुछ दुर्लभ मामलों में हड्डियों का फ्रैक्चर भी हो सकता है.
अधिक कैल्शियम सेवन करने का नुकसान-
ऐसा बहुत ही कम होता है जब आप खाने से अधिक मात्रा में कैल्शियम प्राप्त कर लें. सल्पीमेंट सेवन करने पर ही शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ती है. ज्यादा कैल्शियम सेवन करने से प्रेग्नेंसी में कब्ज, पथरी, अन्य खनिज पदार्थों जैसे कि आयरन और जिंक को सोखने में दिक्कत, दिल की धड़कन अनियमित होना और शिशु के शरीर में कैल्शियम कम होने जैसी परेशानियां आ सकती हैं.
कैल्शियम के स्रोत-
गर्भावस्था में कैल्शियम की कमी होने या शरीर की रोजाना कैल्शियम की आवश्यकता को खाद्य पदार्थों से पूरा किया जा सकता है. दूध, चीज, दही, ब्रोकली, सोयाबीन, बींस, बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियों, तिल, किशमिश, टोफू आदि में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है. किसी चिकित्सा विकल्प का राय नही है. अधिक जानकारी के लिए योग्य चिकित्सक की सलाह लें.
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