कल्याण आयुर्वेद- इस रोग में योनि की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती है. साथ ही उसकी संकुचन शक्ति कमजोर हो जाती है. शारीरिक संबंध बनाने के दौरान आनंद की प्राप्ति नहीं होती है और कई महिलाओं को योनि के अंदर का भाग लटका हुआ हमेशा महसूस होता है.
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योनि ढीला हो जाने के कारण, लक्षण और संकीर्ण करने के 25 आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय |
योनि ढीला होने के कारण-
अधिक शारीरिक संबंध बनाने से योनि की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है. इसके अतिरिक्त योनि से अत्यधिक स्राव आते रहने पर, अधिक संतानों को जन्म देने से, महिला की अतिशय शारीरिक कमजोरी के कारण, वृद्धावस्था एवं जल्दी-जल्दी गर्भधारण करने आदि के कारण योनि ढीली हो जाती है.
योनि ढीला होने के लक्षण-
योनि की मांसपेशियों के तंतुओं के ढीले हो जाने पर उनके फैलने एवं सिकुड़ने की शक्ति खत्म हो जाती है. इससे योनि क्षेत्र काफी चौड़ा हो जाता है. साथ ही योनि के बीच की नाली कहीं अधिक चौड़ी हो जाती है. जिसके परिणाम स्वरूप शारीरिक संबंध के दौरान वास्तविक आनंद की प्राप्ति नहीं होती है और दोनों ( महिला- पुरुष ) शारीरिक संबंध से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं. काफी समय तक रोग के चलते रहने से योनि ढीली हो कर बाहर निकलने लगती है जो महिला के लिए काफी कष्टप्रद हो जाती है.योनि ढीला हो जाने के कारण, लक्षण और संकीर्ण करने के 25 आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय
ढीली योनि को संकीर्ण करने के लिए घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय-
1 .सबसे पहले रोग के मुख्य कारणों को दूर करना चाहिए.
2 .महिला को सुपारी पाक 6 से 9 ग्राम सुबह- शाम दूध के साथ नियमित सेवन कराने से कुछ ही दिनों में ढीली योनि संकीर्ण (टाइट) होने लगती है.
3 .यदि महिला के योनि से अधिक स्राव आवे अथवा श्वेत प्रदर के कारण हुआ हो तो लौह भस्म 120 मिलीग्राम तथा सुपारी पाक 6 ग्राम दोनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन कराने से स्राव आना या श्वेत प्रदर रोग दूर होकर भी योनि टाइट हो जाती है.
4 .आंवले की जड़, बबूलनीत. बेर, टेसू, अडूसे की जड़ तथा माजूफल- इन सब औषधियों को बराबर मात्रा में लेकर कूट पीसकर पानी में उबालें और उस पानी से योनि को धोएं. इससे योनि संकुचित तथा कड़ी हो जाती है.
5 .वेतसमूल को क्वाथ बनाकर उससे योनि तथा भग को धोने से भग तथा योनि की शिथिलता दूर हो जाती है और वह संकीर्ण हो जाती है.
6 .मेहंदी, अश्वगंधा तथा मोचरस के साथ पकाए हुए पानी योनि का प्रक्षालन करने से योनि की शिथिलता दूर होकर योनि टाइट होती है.
7 .दूध बच, नीलोफर, कुठ कड़वा, काली मिर्च, असगंध, हल्दी- इन सब को बराबर मात्रा में लेकर क्वाथ बनाकर इससे योनि को धोने से योनि की शिथिलता दूर हो जाती है.
8 .हरड़ और आंवले की छाल या फलों से बनाए गए क्वाथ द्वारा योनि प्रक्षालन करने से योनि कि शिथिलता दूर हो जाती है और योनि संकीर्ण हो जाता है.
9 .कौंच की जड़ का विधिपूर्वक काढ़ा बना लें इस काढ़े से योनि में डूस दें तो योनि संकीर्ण हो जाती है.
10 .वेतस की जड़ के क्वाथ से योनि का प्रक्षालन करने की योनि की शिथिलता दूर होती है और योनि टाइट हो जाता है.
11 .मोचरस को बारीक पीसकर पोटली बनाकर योनि में रखने से ढीली योनि टाइट हो जाती है.
12 .मूंग के फूल, खैरसार,हरड़, जायफल, सुपारी सभी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर पाउडर बना कर रख ले अब 10 ग्राम की मात्रा में सूती कपड़े में पोटली बनाकर योनि में रखें तो योनि संकुचित होकर कुंवारी कन्या की तरह हो जाती है.
13 .सफेद फिटकरी को फुलाकर माजूफल के साथ पीसकर योनि में रखने से योनि संकुचित हो जाती है.
14 .कड़वी लौकी का पत्ता तथा लोध बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर योनि के ऊपर लेप करें. यह लेप प्रसूता की योनि को स्वच्छ बना देती है. योनि की शिथिलता दूर होकर योनि टाइट हो जाता है.
15 .बच, नीलकमल, कुठ, मरीच, अश्वगंधा तथा हल्दी इन सब औषधियों का लेप योनि कि शिथिलता को दूर करने के लिए अच्छी औषधि है.
16 .औदुंबरादि तेल रुई में लगाकर योनि में रखने से योनि संकुचित हो जाती है.
17 .नीलोफर, धाय के फूल, हरड़, फिटकरी का फूला, माजूफल, हाउबेर, लोध, अनार की छाल इन सब द्रव्यों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और सुरा में मिलाकर योनि में लेप करें तो योनि संकीर्ण हो जाती है.
18 .ढाक के अंकुर, गूलर के फूल, तिल तेल और शहद सबको पीसकर योनि में लेप करने से योनि संकीर्ण हो जाती है.
19 .कमलकंद, कमल के फूल, कमल गट्टा, खास में पकाए गए तेल के प्रयोग से योनि की शिथिलता एवं दुर्गंध का नाश होता है.
20 .आम का फल अथवा आम की जड़ और कपूर मिलाकर योनि में लेप करने से योनि की अतिशय शिथिलता दूर होकर संकीर्ण हो जाती है.
21 .माजूफल तथा सौराष्ट्री का चूर्ण का लेप योनि का संकोचन करता है.
22 .बीरबहूटी को घी में पीसकर योनि में लेप करने से अच्छा लाभ होता है.
23 .मदन फल, मुलेठी, कपूर इन तीनों को चूर्ण बनाकर तिल तेल में मिलाकर योनि में लेप करने से योनि संकीर्ण हो जाती है.
24 .शहद में भीगा हुआ पिचू योनि में धारण करने से योनि की शिथिलता दूर हो जाती है.
25 .योनि के विस्तृत हो जाने पर गर्भ नहीं ठहरता हो तो हरा मूंग के फूल, जायफल, खैरसार, माजूफल, सुपारी सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और पोटली बनाकर योनि में रखें. कुछ दिन तक इस प्रकार करते रहने से योनि संकुचित हो जाती है और गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.
स्रोत स्त्री रोग चिकित्सा पुस्तक
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