सिर्फ 7 दिन में बढ़ा हुआ हाइड्रोसील होगा पहले जैसा, करें ये घरेलू उपाय

कल्याण आयुर्वेद- हाइड्रोसील पुरुषों का रोग है जिसमे इनके एक या दोनों अंडकोषों में पानी भर जाता है. इस रोग में अंडकोष एक थैली की भांति फुल जाते हैं और गुब्बारें की तरह प्रतीत होते है. इस अवस्था को प्रोसेसस वजायनेलिस या पेटेंट प्रोसेसस वजायनेलिस भी कहा जाता है. ये स्थिति पुरुषों के लिए बहुत पीडादायी होती है. अंडकोष में अधिक पानी भर जाने के कारण इन्हें वहाँ सुजन भी हो जाती है. वैसे तो ये किसी को भी हो सकती है लेकिन अकसर ये रोग 40 से अधिक उम्र के पुरुषों में ही देखा जाता है. इसका उपचार करने के लिए जरूरी है कि इस पानी को बाहर निकाला जाएँ.

सिर्फ 7 दिन में बढ़ा हुआ हाइड्रोसील होगा पहले जैसा, करें ये घरेलू उपाय 

हाइड्रोसील बढ़ा के कारण-

अंडकोष पर चोट लगना.

नसों में सूजन होना

कुछ स्वास्थ्य समस्यायें

बिना लंगोट के जिम / कसरत करना या भारी काम करना

आनुवांशिक

अधिक शारीरिक संबंध बनाना

भरी वजन उठाना

दूषित मल के इक्कठा होने

गलत खानपान के कारण

हाइड्रोसील बड़ा होने के लक्षण-

अंडकोषों में तेज दर्द होना शुरूआती लक्षण में शामिल है.

अंडकोष के आगे का भाग सूजना

चलने फिरने में परेशानी होना

ज्ञानेन्द्रियों की नसों का ढीला और कमजोर पड़ना

उल्टी, दस्त और कब्ज होना भी हो सकता है.

हाइड्रोसील का उपचार-

सिर्फ 7 दिन में बढ़ा हुआ हाइड्रोसील होगा पहले जैसा, करें ये घरेलू उपाय 
हाइड्रोसील के उपचार के रूप में अधिकतर रोगी इसकी सर्जरी या एस्पीरेशन कराते है. जिसमे बहुत धन समय लगता है साथ ही इसके कुछ अन्य परिणाम भी हो सकते है. किन्तु इस रोग से उपचार के रूप में रोगी कुछ प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते है. ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में आज हम आपको बता रहें है जिनका उपयोग कर आप घर बैठे इस रोग से छुटकारा पा सकते हो.

अंडकोषों में पानी भर जाने पर रोगी 10 ग्राम काटेरी की जड़ जिसे भटकटैया भी कहते हैं. को सुखाकर उसे पीस लें. फिर उसके पाउडर में 7 ग्राम की मात्रा में पीसी हुई काली मिर्च डालें और उसे पानी के साथ सेवन करें. इस उपाय को नियमित रूप से 7 दिन तक अपनाएँ. ये हाइड्रोसील का रामबाण इलाज माना जाता है क्योकि इससे ये रोग जड़ से खत्म हो जाता है और दोबारा अंडकोषों में पानी नही भरता है.

सिर्फ 7 दिन में बढ़ा हुआ हाइड्रोसील होगा पहले जैसा, करें ये घरेलू उपाय 

हाइड्रोसील के इलाज के लिए आयुर्वेद में मुख्य रूप से लेप का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए आप कुछ लेप का इस्तेमाल कर भी इस रोग से मुक्त हो सकते हो.

इसके लिए 5 ग्राम काली मिर्च और 10 ग्राम जीरा लें और उन्हें अच्छी तरह पीस लें. इसमें आप थोडा सरसों या जैतून का तेल मिलाएं और इसे गर्म कर लें. इसके बाद इसमें थोडा गर्म पानी मिलाकर इसका पतला घोल बना लें और इसे बढे हुए अंडकोषों पर लगायें. इस उपाय को सुबह शाम 3 से 4 दिन तक इस्तेमाल करें आपको जरुर लाभ मिलेगा.

या आप 20 ग्राम माजूफल और 5 ग्राम फिटकरी को पीसकर उनका लेप तैयार करें और उसे सूजे हुए अंडकोषों पर लगायें. जल्द ही उनका पानी सुख जायेगा.

25 मिलीलीटर पानी को पीतल के गिलास या पिली बोतल में सूरज की रोशनी में गर्म करें और उस पानी का दिन में 4 से 5 बार पीना चाहियें. जलतप्त पानी पीने के 1 घंटे बाद रोगी अपने अंडकोष पर लाल प्रकाश डालें और अगले 2 घंटे बाद नीला प्रकाश डालें. इस प्रक्रिया को अपनाने से भी रोगी को हाइड्रोसील से जल्द ही आराम मिलता है.

इन सब प्राकृतिक उपायों से हाइड्रोसील यानि अंडकोष में वृद्धि जैसी समस्या का समाधान किया जाता है. इन उपायों को अपनाने के साथ साथ रोगी को रोज सुबह खुली हवा में व्यायाम भी करना चाहियें. इन प्राकृतिक उपायों में ना तो अधिक धन व्यय करने की आवश्यकता होती है और ना ही इनसे किसी तरह के साइड इफ़ेक्ट का ही ख़तरा होता है. ये इस रोग को जड़ से समाप्त कर देते है जिससे इसके दोबारा होने की संभावना भी कम हो जाती है.

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