गर्भावस्था में मधुमेह के लिए डाइट प्लान

कल्याण आयुर्वेद- गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे के लिए वो नौ महीने बहुत चुनौती पूर्ण होते है. उस महिला के लिए ये और भी मुश्किल भरा तब हो जाता है जब उसे डायबिटीज होती है.

गर्भावस्था में मधुमेह के लिए डाइट प्लान

ये तो आप सभी जानते है की मधुमेह एक खतरनाक बीमारी है. ऐसा बहुत बार देखा गया है कि कुछ महिलाएं गर्भवस्था से पहले ही मधुमेह का शिकार हो जाती हैं और कई बार गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की चपेट में आती हैं. दोनों ही स्थितियों में डायबिटीज गर्भवती महिला के साथ-साथ उसके गर्भस्थ शिशु को भी प्रभावित करता है. तो ऐसा होने पर आप किन चीजों का सेवन करें हम आज उसी के बारे में बात करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है कि मधुमेह के लक्षण क्या होते है?

मधुमेह के लक्षण-

 बहुत ज्यादा और बार बार प्यास लगना.

 बार-बार पेशाब आना.

 लगातार भूख लगना.

 दृष्टी धुंधली होना.

थकावट महसूस होना.

वजन कम होना या बढ़ना.

घाव ठीक न होना या देर से घाव ठीक होना.

बार बार पेशाब या रक्त में संक्रमण होना.

गर्भावस्था में मधुमेह होने पर ऐसा रखें अपना खान-पान-

नाश्ते के समय-

 नाश्ते के दौरान अपना पेट भरने के लिए एक अच्छा पौष्टिक भोजन चुनें. उस समय आप टोंड दूध और बिना चीनी की चाय का प्रयोग करें. इसके अलावा  1-2 मल्टीग्रेन ब्रेड स्लाइस / वेज दलीय / ओट्स दलीय / ओट्स + दूध / सूजी का उपमा / वेज पोहा / स्टफ्ड चपाती / बेसन चिल्ली / मूंग दाल चीला। ये सभी विकल्प आपके लिए बेहद फायदेमंद रहेंगे और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में भी आपकी मदद करेंगे.

प्रोटीन-

कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन को चुनना, जिनमें प्रोटीन भी होता है, ये आपके रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है. जिन महिलाओं को गर्भावधि मधुमेह है, उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन खाने की कोशिश करनी चाहिए.

हमेशा यह सुझाव दिया जाता है कि प्रोटीन को गर्भावस्था के दौरान मधुमेह के लिए अपने आहार में जरूर शामिल करें. जैसे साबुत दाल, अंकुरित चने, 80 ग्राम लीन मीट, 100 ग्राम चिकन, 100 ग्राम मछली, 1 अंडा इन सभी चीजों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है.

गर्भावस्था में मधुमेह के लिए डाइट प्लान

अनसेचुरेटेड फैट-

एक अच्छे भोजन में अनसेचुरेटेड फैट शामिल होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह एक अच्छे वसा हैं. उनमें से कुछ नट और तेल भी हैं जो निम्नानुसार हैं. जैतून का तेल, मूंगफली का तेल, एवोकाडो, अधिकांश नट और बीज, सिलेमान.

जीवनशैली में रखें सुधार-

मधुमेह किसी भी व्यक्ति को तभी होता है जब उसकी जीवनशैली गलत होती है. इस बात का ख्याल गर्भवती महिलाओं को ज्यादा रखना पड़ता है. क्योंकि उनकी सेहत से ही उनके होने बच्चे का स्वास्थ्य जुड़ा होता है.

इसके लिए सबसे जरुरी है, की आप सभी काम समय अनुसार करें, समय पर उठना समय पर सोना, भूख लगने पर भोजन करना, नियमित रूप से योग या व्यायाम करना. ये सभी चीजें गर्भवती महिला को स्वस्थ रखती है, साथ ही उनके मधुमेह को भी नियंत्रित रखती है.

एक बार में ज्यादा न खाए-

गर्भावस्था में मधुमेह के लिए डाइट प्लान
जिन लोगों को मधुमेह होता है, उन लोगों को डॉक्टर्स ये सलाह देते है कि दिन में एक बार में कभी-भी ज्यादा खाना न खाए. इससे आपके लिवर पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए डॉक्टर ज्यादातर मधुमेह के मरीजों को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने की सलाह देते है. महिलाओं को दिन भर में तीन बार में अपना खाना खाना चाहिए और चार बार में थोड़ा-थोड़ा नाश्ता करना चाहिए.

गर्भवती महिलाओं को मधुमेह होने पर बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है, आपको डॉक्टर की दवाओं के साथ परहेज भी करना बहुत जरुरी होता है. ऐसे समय में जरा सी परहेज न करना उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा सकती है. गर्भावस्था के दौरान शराब और धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ये आपके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है. मधुमेह या गर्भावस्था से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप हमारे डॉक्टर से भी सलाह ले सकते है.

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