जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार

कल्याण आयुर्वेद- जब प्रमस्तिष्क परिसंचरण की कमी से कोई व्यक्ति मूर्छित होकर बेहोश हो जाता है तब उसे मूर्च्छा कहते हैं. इस अवस्था को मूर्च्छाजन्य अतिक्रम भी कहते हैं.

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार

इसमें व्यक्ति को एकाएक बहुत शारीरिक कमजोरियां महसूस होने लगती है. वह सीधा खड़ा नहीं हो पाता है और चक्कर खाकर बेहोश हो जाता है. इसको फेंटिंग भी कहा जाता है. यह रोग सामान्य व्यक्तियों में भी हो सकता है.

बेहोशी होने की कौन- कौन से कारण हो सकते हैं ?

रक्ताल्पता ( खून की कमी )

अल्प रक्तदान ( ब्लड प्रेशर का कम हो जाना )

मानसिक तनाव

हाइपोक्सिया

मस्तिष्क संबंधी कारण

कार्डियक आउटपुट कम होने पर

हाइपोवोलिमिया

रोगी की स्थिति में परिवर्तन

वेसो-वेगल अतिक्रमण- यह सबसे मुख्य कारण है.

कैरोटीड साइनस रिफ्लेक्स

हर्ट ब्लॉक ( हृदरोध )

एट्रियल फ्लटर

एका एक दर्द होना

सिंपैथेटिक ब्लॉकिंग ड्रग्स

हाईटेकी कॉर्डिया

पैरोक्सीस्मल एरिथीमिया

साइनोटिक कंजेनिटल हार्ट डिजीज

हाइपोग्लाइसीमिया

बेहोशी के लक्षण क्या है ?

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार
रोग के प्रारंभिक लक्षणों में कमजोरी, गैस्ट्रिक ट्रबल, पसीना आना, बेचैनी, चक्कर तथा श्वास में अनियमितता हो जाती है.

रोगी को अचानक अजीब सी बेचैनी महसूस होती है.

जमीन व आसपास की चीजें रोगी को घूमती हुई नजर आने लगती है.

जी मिचलाता है, वह दिमाग से कुछ सोच नहीं पाता है.

जम्हाई आती है, आंखों के आगे धब्बे से और कालापन सा आ जाता है.

उसके सामने की कोई भी चीजें साफ दिखाई नहीं देती है और कानों से सुसु की आवाज सुनाई पड़ती है.

पूरे शरीर में ठंडा पसीना आ जाता है.

हाथ- पैरों में ताकत नहीं लगती है.

व्यक्ति चक्कर खाकर गिर जाता है.

कुछ समय तक बेहोश रहने के बाद कुछ मिनटों में अपने आप चेतना आ जाती है.

रोगी का चेहरा सफेद तथा हाथ- पैर शीतल ( ठंढे ) हो जाते है.

रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर ) कम होकर 70 मिलीमीटर तक पहुंच जाता है.

रोगी की नाड़ी मुख्य रूप से हल्की अथवा तेज होती है.

यदि रोगी कमजोर हो तो बेहोशी धीरे-धीरे होता है. कभी-कभी मितली भी आती है.

आक्रमण के बाद सामान्य शारीरिक दुर्बलता बनी रहती है.

वेजो वेगल अटैक- भावावेश दबाव से, कोई चोट लगने से, तेज दर्द होने पर, ज्यादा कमजोरी होने से, बहुत दिनों तक आराम करने के बाद, खून की कमी में, बुखार में, भूखा रहने पर, बहुत देर तक धूप में खड़े रहने पर, कोई शोक भरी खबर एकाएक सुनने पर होता है.

बेहोशी का आपातकालीन उपचार क्या है ?

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार
* अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाए तो बेड पर लिटाकर  उसका सिर वाला भाग नीचे कर दें. जिससे मस्तिष्क में रक्त संचार अधिक हो.

* रोगी को सीधा लिटा कर गर्दन व छाती के कपड़े ढीले कर दें और सिर को एक तरफ घुमा दें. जिससे कि जीभ पीछे जाकर गले को बंद ना कर पाए.

* ठंडे पानी के छींटे मारे, इससे रोगी होश में आ जाएगा.

* रोगी को अमोनिया सुन्घाएं, इसकी तेज गंध से रोगी को तुरंत होश आ जाता है.

* जब तक रोगी पूर्ण रूप से होश में ना आ जाए तब तक उसके मुंह द्वारा कुछ भी ना दें.

* व्यक्ति को होश में आने के बाद कुछ देर तक आराम कराएं, इसके बाद चाय अथवा ठंडा पानी पीने को दें.

* वेजावेगल अटैक को छोड़कर अगर कोई अन्य कारण से व्यक्ति बेहोश हुआ हो तो उसके अनुसार उसे चिकित्सा की आवश्यकता होती है इसलिए व्यक्ति को डॉक्टर तक पहुंचाएं.

* जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर उसे ऑक्सीजन देना चाहिए.

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