आपने भगवान शंकर का चित्र या मूर्ति देखी होगी। शिव की जटाएं होती है। उनकी जटाओं में चंद्र भी होता है। उनके मस्तक पर तीसरी आंखें, गले में सर्प और रुद्राक्ष की माला लपेटे रहते हैं। उनके एक हाथ में डमरू, तो दूसरे में त्रिशूल है।उनके पूरे बदन पर वह भस्म लगाए रहते हैं।अगर किसी व्यक्ति को शिवकृपा के संकेत आने लगे तो समझ लीजिए उनपर शिव की कृपा पूरी तरह से होने लगेगी।
![]() |
सावन में आपको भी मिलने लगे ये 5 संकेत तो समझिये भगवान भोलेनाथ आपके साथ हैं. |
उनके शरीर के निचले हिस्से में बाघ के छाल लपेटे रहते हैं। वह नंदी बैल की सवारी करते हैं और कैलाश पर्वत पर ध्यान लगाए बैठते हैं।
आज आपको शिव के ऐसे 5 संकेत के बारे में बताएंगे। अगर किसी व्यक्ति को शिवकृपा के संकेत आने लगे तो समझ लीजिए उनपर शिव की कृपा पूरी तरह से होने लगेगी।
पहला संकेत यह है कि जब शिवकृपा व्यक्ति पर होती है, तो उसे भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है। स्वप्न के माध्यम से ऐसे होता है, हमारा जो चेतन मन होता है, वह हमारे जागने पर सक्रिय होता है जबकि हमारा अवचेतन मन सदैव सक्रिय रहता है। जब एक व्यक्ति निरंतर शिव साधना में रहता है शिव की भक्ति में लीन रहता है, तो ऐसे व्यक्ति का मस्तिष्क अद्भुत ऊर्जा से भर जाता है।
व्यक्ति की आत्मिक शक्ति बढ़ जाती है,व्यक्ति की ऊर्जा केंद्रित होती है और विज़न पावर बढ़ जाती है और ऐसे में अवचेतन मन ब्रह्मांड में फैली ऊर्जाओं के संपर्क में आ जाता है। भगवान शिव से उस शाश्वत सत्य से उस शाश्वत ऊर्जा से जुड़ जाता है। जो सपने आते हैं वह घटित होते हैं।
ऐसी शक्ति से विशेषकर शिव से जुड़ने के बाद जो भी स्वपन व्यक्तियों को आते हैं और विशेषकर जो स्वप्न ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्तियों को आते हैं। वह भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास होते हैं। और भविष्य में होने वाली घटनाओं का व्यक्ति को पहले ही पूर्वाभास हो जाता है। पहले ही ज्ञान हो जाता है। यह सिर्फ शिव कृपा से ही संभव है, कि व्यक्ति अपने अंदर की असीमित संभावनाओं को स्पर्श करने लगता है।
सावन में आपको भी मिलने लगे ये 5 संकेत तो समझिये भगवान भोलेनाथ आपके साथ हैं. |
देव तुल्य हो जाता है और ऐसे ऐसे पूर्वाभास व्यक्ति को न सिर्फ स्वप्न में बल्कि किसी भी समय हो सकते हैं, जो साधारण चेतना के स्तर पर अनुभव करना असंभव है। तो ये शिवकृपा का बहुत ही खास संकेत है।
दूसरा शिवकृपा के संकेत असंभव है तो यह शिवकृपा के संकेत बहुत ही खाद है। दूसरा संकेत शिवकृपा का है कि जो भी वाणी आप बोलते हो वह सत्य हो जाती है। विशेषकर जब आप ध्यान कर रहे होते हो तो उस समय मन में अकस्मात कोई विचार आ जाता है, या ध्यान के तुरंत बाद आप कुछ बोलते हो तो, वह वास्तव में घटित हो जाता है।
तो यह शिवकृपा का एक बहुत बड़ा संकेत है। इसके पीछे का कारण यह है, कि जब आप साधना में गहरे उतरते हैं तो अंतर्मन में छाई नकारात्मक विचार हर तरह के खत्म होने लगते हैं। और मन निर्मल हो जाता है।
आपके चक्र, विशेषकर आज्ञा चक्र, अनाहत चक्र और विशुद्ध चक्र जागृत हो जाते हैं ईश्वर यह ऊर्जा से सक्रिय हो जाते हैं। आपकी एनर्जी भाग्य हो जाती है। और आप शिव के उर्जा से संपर्क बैठा पाते हो।
शिव ब्रह्मांड का आधार है, कण कण में व्याप्त उनकी दिव्य अनुभूति आपके अंतर्मन में गहराई तक उतरने लगती है। तब उसी स्थिति में आप जो भी बोलते हो या जो भी विचार आपको आते हैं वह बहुत प्रभावपूर्ण हो जाते हैं। और आपका बोला वह सत्य हो जाता है। वचन सिद्धि की तरफ बढ़ने लगते हैं, तो यह शिव कृपा से ही संभव हो पाता है।
आपकी चेतना का स्तर बहुत ऊपर हो जाता है, दिव्य हो जाता है। और चेतना का स्तर तभी एक व्यक्ति का हो पाता है जब वह शिव भक्ति में संपूर्ण डूब जाता है शिवमय में हो जाता है भोलेनाथ के रंग में रंग जाता है।
शिवकृपा का तीसरा संकेत है कि आपके बिगड़े हुए कार्य बनने लगते हैं। और जो भी समस्याएं आपके जीवन में है, उनका कोई ना कोई हल है कोई ना कोई उपाय आपको नजर आने लगता है। हर व्यक्ति के जीवन में बहुत सी समस्याएं और बहुत से चैलेंज होते हैं, और कई बार रास्ता ऐसे हालातों से उबरने का उसे नजर नहीं आता।
लेकिन यदि भोलेनाथ की कृपा व्यक्ति के जीवन में हो, तो उसे कोई ना कोई रास्ता जरूर नजर आता है। और ऐसा ज्यादातर तब होता है जब आप शिव भक्ति में लीन होते हैं। बहुत गहरे डूबे होते हैं। तो अचानक ही आपके मस्तिष्क में कुछ ऐसे विचार कुछ ऐसे संकेत आते हैं, जो आपकी समस्या से जुड़े होते हैं और उस समस्या से उबरने का कोई ना कोई रास्ता एक विचार के रूप में आपके दिमाग में आता है।
चौथा संकेत शिवकृपा का है कि आपकी नींद ब्रह्म मुहूर्त में खुलने लगती है। दोस्तों ब्रह्म मुहूर्त एक ऐसा दिव्य और पवित्र पहर होता है, जब समस्त देवियों ऊर्जाएं, सकारात्मक ऊर्जा जो परम सप्ताह अर्थात शिव की ऊर्जा का ही एक हिस्सा है। पूरे ब्रह्मांड में फैली हुई होती है।
ऐसे समय में यदि व्यक्ति की नींद सोते ही खुलने लगे तो यह कोई साधारण बात नहीं है। यह संकेत है कि आप शिव की ऊर्जा से जुड़ चुके हैं और ब्रह्म मुहूर्त में दैवीय संकेत आपके अवचेतन मन में पहुंचते हैं, और आपकी नींद खुल जाती है।
बिना किसी के जगाए बिना किसी अलार्म के, ऐसे में आपको समझना चाहिए कि भगवान का इशारा है आपके लिए, कि आप को इस समय को सोने में व्यर्थ नहीं गंवाना है। बल्कि ईश्वरी इच्छा को समझकर इसका पूरा लाभ उठाना है और भोलेनाथ की भक्ति में डूब जाना है।
![]() |
सावन में आपको भी मिलने लगे ये 5 संकेत तो समझिये भगवान भोलेनाथ आपके साथ हैं. |
पांचवा संकेत अगर आपको शिवलिंग नजर आए नजर आए या शिवलिंग पर जल अर्पित कर रहे हैं जो एक बहुत बड़ा संकेत है दोस्तों अगर आपको ऐसे नजर आते हैं तो आप बहुत ज्यादा भाग्यशाली है कि भगवान शिव के दर्शन करें।
भगवान शिव के दर्शन आप सपने के माध्यम से कर पा रहे हैं इसके अलावा भगवान शिव के प्रतीक चिन्ह जैसे डमरु है रुद्राक्ष है सर पर त्रिशूल है सांप आदि यह सब स्वप्न में नजर आएंगे तो यह भी शिवकृपा का एक बहुत बड़ा संकेत है।
अगर इस तरह की कोई भी चीज और कोई भी संकेत आप सपने में देखते हैं तो आपको भोलेनाथ की भक्ति में और भी गहराई से और पूरे अंतर्मन से उतर जाना है और यदि आप ऐसा कर पाते हैं तो आपके जीवन का जो परम लक्ष्य जो है शिविर में मिलना वह आपसे ज्यादा दूर नहीं होंगे।
तो ये है शिव के 5 संकेत। अगर इसमें से कोई एक भी आपको मिलते है तो समझ लीजिए की आपका जीवन सफल हो गया है। और शिव की कृपा आप पर होने लगेगी।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कमेन्ट में हर- हर महादेव जरुर लिखें. धन्यवाद.
0 Comments