कल्याण आयुर्वेद- हमारे शरीर के लिए पानी का उतना ही महत्व हैं जितना की साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की लेकिन पानी पीने का कुछ सामान्य नियम होते हैं जिसका पालन जरूर करना चाहिए जो लोग इसका पालन नहीं करते हैं वह हर्निया , पथरी , हाइड्रोसील जैसे बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। खास लोग गर्मी के मौसम में ठंडा पानी बहुत ज्यादा पीते हैं लेकिन जो पानी पीते समय सामान्य नियमों का पालन नहीं करते हैं उसके स्वास्थ्य के लिए बिलकुल ठीक नहीं होता हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार पानी कैसे पीना चाहिए ? जान गए तो कभी नही पड़ेंगे बीमार |
गर्मियों में पानी कैसे पीना चाहिए- गर्मियों के दिनों में घड़े का पानी पीना चाहिए और सर्दी के मौसम में हल्का गुनगुने ,परन्तु पीने का क्या तरीका होना चाहिए यह बहुत महत्पूर्ण होता हैं अतः इन्ही सब के बारे में महत्पूर्ण जानकारियां प्रस्तुत की जा रही हैं।
आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का तरीका निम्न हैं :
* आप जब भी पानी पिए तो धीरे- धीरे कर के पिए अर्थात सिप- सिप कर पिए जैसे लोग चाय कॉफी पीते हैं।
* कभी भी जोड़ से गटागट कर के पानी न पिए और दूसरी महत्पूर्ण बात आप कभी भी खड़े होकर पानी मत पीजिए हमेशा आराम से बैठ कर पीजिए।
* कभी भी खाना खाते समय पानी मत पीजिए , खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पीजिए यदि पीना बहुत आवश्यक हैं तो लस्सी , जूस , दूध पी सकते हैं , हाँ खाने खाने से 40 मिनट पहले पानी पी सकते हैं। ध्यान रहे मांसाहार के बाद दूध मत पीजिए ।
* जब प्यास लगे तब पानी पीजिए और उतना पीजिए जितना से मन एवं शरीर सम्पूर्ण रूप से तृप्त हो जाए।
* कभी भी प्यास को रोकिये मत जो लोग प्यास को रोकते हैं उसे कई रोग उत्पन होते हैं। हाँ सिर्फ उषाकाल में बिना प्यास के पानी पी सकते हैं जोकि सबसे ज्यादा लाभकारी होता हैं।
* आवश्यकता से अधिक पानी नहीं पीना चाहिए , जितना इच्छा हो उतना ही पीजिए ।
आयुर्वेद में कितना पानी पीना चाहिए ? पानी कब कैसे और कितना पीना चाहिए?
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आयुर्वेद के अनुसार पानी कैसे पीना चाहिए ? जान गए तो कभी नही पड़ेंगे बीमार |
पानी पीने के नियम क्या हैं – गर्मी में रोज कितना पानी पीना चाहिए?
ऐसा कुछ टारगेट नहीं हैं कि गर्मी के दिनों में कितना पानी पीना चाहिए आपको अपने हिसाब से उतना ही पानी पीना चाहिए जिससे की आपकी प्यास बुझ जाए। आपको अपने शरीर को अनुकूल रखना हैं न कि उसको बीमार करना हैं क्योंकि किसी भी चीज का उपयोग उतना ही करना चाहिए जितना कि उसका आवश्यकता हैं।
हर व्यक्ति कि मात्रा अलग- अलग हो सकती हैं कोइ दिन में 3 लीटर पानी से काम चला लेता हैं तो कोइ 5/6 लीटर पानी से काम चलाता हैं । जो व्यक्ति धुप में काम करते हैं तो उसे अधिक पानी कि आवश्यकता हो सकती हैं और जो व्यक्ति घर के अंदर AC में काम करते हैं तो उसके लिए पानी का मात्रा कम हो सकते हैं अतः आप इन सब बातों का ध्यान रखकर निर्णय ले सकते हैं आपको कितना पानी पीना हैं प्रमुख बात यह हैं की आपके शरीर को जितना आवश्यक हैं उतना ही प्रयोग करें।
पेशाब करने के बाद पानी क्यों नहीं पीना चाहिए?
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आयुर्वेद के अनुसार पानी कैसे पीना चाहिए ? जान गए तो कभी नही पड़ेंगे बीमार |
सुबह खाली पेट पानी पीने के क्या फायदे हैं?
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आयुर्वेद के अनुसार पानी कैसे पीना चाहिए ? जान गए तो कभी नही पड़ेंगे बीमार |
गर्म पानी पीने की फायदे :
पेट की कोइ समस्या नहीं होगा।
आयुर्वेद के अनुसार गर्म पीजिए कभी भी शुगर(Diabetes) की बिमारी नहीं होगी ।
हड्डियों के जोड़ों में दर्द नहीं होगा ।
गला की समस्या नहीं होगा ।
खांसी जुकाम नहीं होगा ।
निमोनिया नहीं होगा ।
गर्म पानी पीने से मोटापा नहीं आएगी ।
निष्कर्ष – अभी आपने पानी के फायदे के बारे में जाने और ‘पानी पीने के नियम क्या हैं’ इसके बारे में भी समझे यदि आप इन सब बातों का पालन करते हैं तो आपको आवश्य ही फायदे मिलेंगें अतः आप अपने जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए इन नियमों को जरूर अपनाए।
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