हर ब्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण से जरूर सीखनी चाहिए ये 6 बातें, जीवन के हर मोड़ पर आएंगे काम

इस भौतिक युग यानी कलयुग में प्रत्येक ब्यक्ति अपने जीवन की छोटी- छोटी बातो को लेकर परेशान हो जाता है। जब व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है तो उसको किसी बात की चिंता नहीं रहती, परंतु जैसे ही व्यक्ति के जीवन में परेशानियां उत्पन्न होती हैं तो वह काफी विचलित हो उठता है। उस समय सिर्फ उसे परेशानियों से निजात चाहिए होती है, इसके लिए बह कई सारे मार्ग का प्रयोग करता है। शास्त्रों के वर्णन के अनुसार, जीवन में आई परेशानियाँ मनुष्य के द्वारा ही निर्मित होती है, बह जैसा बोता है, बैसा ही काटता है। इसलिए जीवन में निराशा से ज्यादा आशाबादी बनना चाहिए।

हर ब्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण से जरूर सीखनी चाहिए ये 6 बातें, जीवन के हर मोड़ पर आएंगे काम 

अगर आप अपना जीवन बेहतर तरीके से व्यतीत करना चाहते हैं तो आज हम आपको भगवान कृष्ण जी के कुछ गुणों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिनसे आप जीवन जीने की कला सीख सकते है। भगवान विष्‍णु के अवतार श्रीकृष्‍ण का जीवन किसी सबक से कम नहीं। उनके सबक समझने में आसान होने के बावजूद बेहद अर्थपूर्ण हैं। श्री कृष्ण ने अपने जीवन में हर रिश्ते को बेहद सरलता के साथ परिभाषित किया है और उसे ईमानदारी से निभाया है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में सभी रिश्तों को बखूबी निभाया है। आइए जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण के कुछ गुणों के बारे में जिससे हमे सीख मिलती है। 

श्री कृष्ण से सीखें किस तरह रिश्ते निभाए जाते हैं।

1 .सच्चा प्यार-

जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं वृंदावन के अंदर भगवान कृष्ण जी की बहुत सी गोपियां थी जो भगवान कृष्ण जी से अति प्रेम करती थी। भगवान कृष्ण उन सभी गोपियों का सम्मान करते थे लेकिन राधा के प्रति उनका प्यार उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। आज के प्रेमियों को श्री कृष्ण के प्यार और प्रेमिकाओं के प्रति सम्मान से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में प्यार और सम्मान श्री कृष्ण की जीवनी से सीखनी चाहिए।

2 .संघर्ष और जीवन-

मनुष्य जीवन में संघर्ष जीवन का एक हिस्सा है, यंहा तक गोकुल में कन्हैया का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उनके मामा कंस ने उन्हें मारने के लिए लगातार कई षड्यंत्र किए। लेकिन प्रभु श्री कृष्णा कभी इन बाधाओं से विचलित ना होकर जीवन के मार्ग पर डटे रहे। ऐसे ही हर व्यक्ति को जीवन में आने वाली कठिनाईयों का सामना बिना हिम्मत हारे करते रहना चाहिए।फल की चिंता किए बिना अपने कर्तव्य करते रहना चाहिए। इससे एक ना एक दिन जीत अवश्य आपकी ही होगी।

3 .गुरु के प्रति आदर-

भगवान विष्णु का अवतार होने के बावजूद कृष्ण भगवान के मन में अपने गुरुओं के लिए हमेशा सम्मान रहा है। अवतार रूप में वह जिस भी संत से मिले उन्होंने उन्हें पूरा सम्मान दिया। उन्होंने इस बात का कभी घमंड या मैं नहीं रखा, कि बह जगत के पालनहार है। परिस्थिति के अनुसार, खुद को ढालना और सामने वाला का मान सत्कार कर समाज में अपने जीवन को चरितार्थ करना प्रभु श्री कृष्णा से सीखना चाहिए।

4 .मित्रता निभाना-

आप सभी लोगों ने सुदामा और भगवान कृष्ण जी की दोस्ती के बारे में तो सुना ही होगा। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती के किस्से हर बच्चा बचपन से सुनता आया है। उनकी दोस्ती को देखकर हर व्यक्ति को अपने रिश्ते की कद्र करना और दोस्तों के लिए कुछ भी कर गुजरने का जज्बा देखने को मिलता है। इसके अलावा भगवान कृष्ण ने अपने हर रिश्ते को ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी, छोटे-बड़े की पाबंदियों से हमेशा दूर रखा है। बिना किसी भेदभाव के मित्रता नियम को पूरी सिद्दत के साथ निभाया। विपत्ति के समय मित्र के काम आये और जीवन को चरितार्थ किया।

हर ब्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण से जरूर सीखनी चाहिए ये 6 बातें, जीवन के हर मोड़ पर आएंगे काम 

5 .माता-पिता का सम्मान-

श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव के पुत्र कहलाते हैं, लेकिन उनका पालन-पोषण यशोदा और नंद ने किया था। बावजूद इसके भगवान कृष्ण ने अपनी दोनों मांओं देवकी- यशोदा को अपने जीवन में बराबर का स्थान दिया। दोनों के प्रति अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया। अपने इस स्वभाव से कृष्ण ने दुनिया को सिखाया कि हमारे जीवन में मां-बाप का स्थान सबसे ऊंचा होना चाहिए। ब्यक्ति को चाहिए कि अपने जीवन में माता पिता का सम्मान करे, क्योंकि माता पिता से बड़ा इस दुनिया में कोई नहीं होता। वही है, जिनकी बजह से आपने इस दुनिया के दर्शन किये।

6 .मोह से ऊपर उठना-

भगवान कृष्ण जी ने हमें सत्य का ज्ञान बताया है, जब कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण जी उपदेश दे रहे थे, तब कृष्ण जी ने अर्जुन को यह समझाया था कि जो तुम्हारे सामने खड़ा है वह तुम्हारा शत्रु है। उनका यह संदेश हमें इस बात को सिखाता है कि सत्य की राह पर चलते हुए हमें किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए, गलत व्यक्ति को हमेशा गलत ही कहना चाहिए और सही व्यक्ति को हमेशा सही ही कहना चाहिए। इसलिए अगर आप अपने जीवन में यह सीख ले लेते हैं तो घर परिवार में होने वाले वाद विवाद समाप्त हो जाएंगे। हमेशा सत्य के मार्ग पर डटे रहने से बड़े से बड़ा संकट भी टल सकता है।


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